गरीबी के चलते पत्नी का शव बांस पर कपड़ा बांधकर शमशान ले गया पति, चंदे से हुआ अंतिम संस्कार
मिथलेश त्रिपाठी/ प्रयागराज, अमृत विचार। गरीबी इंसान को इस कदर मजबूर कर देती है कि वो चाहकर भी कुछ नहीं कर पाता। ऐसा ही कुछ प्रयागराज में देखने को मिला जहां एक पति पैसे के आभाव में अपनी पत्नी को बांस में कपड़े को बांधकर अस्पताल से शमशान घाट लेकर जाता दिखा। सड़क पर कुछ लोगो ने देखा तो मदद के लिए आगे बढ़े और किसी तरह से चंदा जुटाकर एक साधन से घाट तक पहुंचाने का काम किया।
मिली जानकारी के अनुसार बनारस से आकर झूंसी के नीबी गांव में रहकर पत्तल बेचकर परिवार का जीवन यापन करने वाले नखड़ू की पत्नी बीमार चल रही थी। उसके पास पैसे नही थे कि वह अपनी पत्नी अनीता का सही से इलाज करा सके। स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां शुक्रवार को अनीता की मौत हो गयी। शर्मनाक बात यह रही कि अस्पताल प्रशान ने उसकी कोई मदद नही की। उसे एक एम्बुलेंस की व्यवस्था भी नही कराई। परेशान नखड़ू और मृतका अनीता के पिता ने एक बांस की तलाश कर एक कपड़े में शव को बांधकर लटका लिया और कंधो पर लेकर अंतिम संस्कार के लिए चल दिये।
ये बनारस के रहने वाले मुसिहारा समाज के लोग हैं। मृतका के शव को लेकर वह झूंसी पहुंचे तो कुछ राहगीर उन्हे देखकर दंग रह गये। उन्हें रोका और पूछताछ की। पति नखड़ू ने बताया कि पत्नी कई दिनों से बीमार थी जिसका मृत्यु आज हो गई। पैसा नही होने पर मजबूरी में बांस में बांधकर दारागंज पुल के नीचे बसे रिश्तेदारों के पास ले जाकर अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मृतका अनीता 26 वर्ष के पिता मैनेजर ने बताया कि पैसा नही है। मजबूरी में पैदल बांस में बांधकर ले जाना पड़ रहा था।
मुंशी का पूरा निवासी सुभाष यादव और ओम प्रकाश ने उनकी मदद के लिए हांथ बढ़ाया तभी मौके पर दर्जनों लोगों की भीड़ जुट गई। सुभाष और ओम प्रकाश ने तत्काल 500-500 सौ रूपए की मदद किया। जिसके बाद आस पास खड़े अन्य लोगों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया, और इस तरह लोगो की मानवता से नखड़ू अपनी पत्नी को ई रिक्शा से घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया।
ये भी पढ़ें -बहराइच : यात्रियों से अभद्रता करने के आरोप में परिवहन विभाग का संविदा चालक बर्खास्त