लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री का पर्सनल सेक्रेटरी बनकर ठगे 85 लाख, आरोपितों ने पीड़ित से मांगी दो करोड़ की रंगदारी

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Published By Sachin Sharma
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लखनऊ। गाजियाबाद के जालसाजों ने केंद्रीय गृहमंत्री का पर्सनल सेक्रेटरी (पीएस) बनकर प्रॉपटी डीलर और उसके भाई से करीब 85 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद प्रॉपटी डीलर से दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने लगे। इनकार किए जाने पर पीड़ित को फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देने लगे। तंग आकर पीड़ित ने गोमतीनगर थाने में आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

गोमतीनगर प्रभारी निरीक्षक दीपक पांडे के मुताबिक, सरस्वतीपुरम कॉलोनी निवासी आशीष कोहली अपने भाई गोल्डी के साथ जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम करता है। बताया कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल कोर्ट (एनसीएलएटी) में उसका एक मामला चल रहा है। जहां से वह स्टे खारिज कराने के प्रयास में लगा है। इस सिलसिले में उनकी मुलाकात गाजियाबाद के राजनगर ऑफिसर्स सिटी निवासी नितिन गुप्ता, पत्नी शिखा गुप्ता और उनके परिचित वरुण चौहान से हुई।

बातचीत के दौरान नितिन ने खुद को एक केंद्रीय मंत्री का पर्सनल सेक्रेटरी जबकि उसके परिचित वरुण को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पर्सनल सेक्रेटरी बताते हुए स्टे खारिज करवा देने का आश्वासन दिया। इसके एवज में आरोपितों ने पीड़ित से 12 लाख रुपये की मांग की।आरोपितों पर भरोसा कर पीड़ित ने हामी भरते हुए रुपये देने का वादा किया।

आरोप है कि कुछ ही दिनों के बाद आरोपितों ने पीड़ित को स्टे खारिज होने संबंधी कोर्ट का एक फर्जी आर्डर देते हुए कहा कि जल्द ही आर्डर अपलोड हो जाएगा। इसके बाद रुपये देने के बाद भी जब ऑर्डर अपलोड नहीं हुआ तो पीड़ित ने इसको लेकर पूछताछ की, तो आरोपित इधर-उधर की बातें करने लगे।

पीड़ित ने बताया कि इसके अलावा धोखाधड़ी की मंशा से आरोपियों ने उसे केंद्र सरकार से सम्बद्ध एनजीओ का प्रोजेक्ट दिलाने का भी आश्वासन दिया। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद 10 करोड़ रुपये एडवांस मिलने की बात कहते हुए पीड़ित से 20 लाख रुपए ऐंठ लिए। जालसाजों ने कई मदों में कुल 85 लाख रुपये ऐंठ लिए। पड़ताल किए जाने पर पीड़ित को धोखाधड़ी होने की जानकारी हुई। इसके बाद आरोपित दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने लगे। इनकार किए जाने पर आरोपित फर्जी मुकदमे फंसाकर जेल भेजने की धमकी देने लगे।

पीड़ित का आरोप है कि ठगी गिरोह में दंपति नितिन-शिखा के साथ ही वरुण, रवि चौहान, कविता चौहान, देवेंद्र सिंह, विवेक, वैभव प्रमुख हैं। इसमें देवेंद्र और विवेक के पुलिस में काम किए जाने की बात की कही जा रही है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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