बरेली: पांच दिन से गिर रहा शेयर बाजार, 31 को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की बढ़ी चिंता
बरेली, अमृत विचार। कर्मचारियों का पैसा शेयर बाजार में लगाया जा रहा है। पिछले पांच दिनों से शेयर मार्केट गिर रहा है। ऐसे में जो कर्मचारी 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होंगे, उन्हें कितनी पेंशन मिलेगी, यह सोचकर कर्मी अभी से चिंतित हैं, जबकि सरकार एनपीएस अपनाने पर जोर दे रही है। ये बातें एनपीएस का विरोध कर रहे कर्मचारियों ने कहीं।
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मेजर सुरेश भटनागर कॉलेज कुड्डा में सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार कहते हैं कि एनपीएस में 10 फीसदी कर्मी और 14 फीसदी सरकार अपना अंश जमा करती है। इस राशि पर ब्याज भी सरकार देती है, जबकि पुरानी पेंशन में सरकार को केवल ब्याज ही देना होता है। एनपीएस में सरकार को कर्मचारियों पर दोहरा खर्च करना पड़ रहा है, मगर कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं तो फिर पुरानी पेंशन को सरकार क्यों नहीं लागू करती है।
आलमपुर जाफराबाद के प्राथमिक विद्यालय गौटिया टांडा में तैनात सविता तिवारी कहती हैं कि शेयर बाजार पूरे सप्ताह गिरा है। एनपीएस को शेयर बाजार से ही जोड़ा है। अब एक सप्ताह से गिरे बाजार के बीच प्रदेश में कहीं भी कोई कर्मचारी शिक्षक रिटायर होगा तो उसकी रकम क्या रही होगी। बड़ी कंपनियों के शेयर भी गिरे हैं। जाहिर है कि एनपीएस में जमा रकम काफी कम हुई होगी।
बिथरी में एआरपी डाॅ. देवेन्द्र गंगवार बताते हैं कि एनपीएस तो धोखा है। यदि यह ठीक होती तो जनप्रतिनिधि इसे पहले लेते, लेकिन ऐसा नहीं है। कर्मचारी अपने जीवन का स्वर्णिम काल सरकार की सेवा में लगाता है। जब वह 60 साल का होगा और उसे कोई संस्था नहीं रखेगी। वहीं, सरकार भी उनके भविष्य को सुरक्षित नहीं कर रही है। सरकार पुरानी पेंशन को लागू करे।
भोजीपुरा में प्राथमिक विद्यालय अभयपुर में तैनात मधुरेश दीक्षित कहते हैं कि एनपीएस सरकार के लिए भी घाटे का सौदा है। इसके बाद भी कर्मचारियों पर इसे थोपा जा रहा है। एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है इसलिए रिटर्न नहीं है। जनप्रतिनिधि भी पुरानी पेंशन ले रहे हैं, इसलिए सभी को एक समान पेंशन मिलनी चाहिए।
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