बरेली: कुत्ता...बिल्ली...बंदरों का आतंक बरकरार, जनवरी से सितंबर तक 79,047 को लगी ARV
प्रीति कोहली/बरेली, अमृत विचार। शहर में कुत्ता, बिल्ली और बंदर का आतंक इतना बढ़ गया है कि आप आकड़ों को सुनकर चौंक जाएंगे। शहर में इस साल जनवरी से सितंबर तक बहुत बड़ी संख्या में कुत्ते, बिल्ली और बंदरों ने इंसानों पर हमले किए हैं। जिनके शिकार करीब 79 हजार 47 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवानी पड़ी है। जिनमें से 59,601 लोगों ने कुत्तों के काटने पर एआरवी लगवाई, वहीं बिल्ली के काटने पर 3 हजार 367 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई है, अगर बात करें बंदरों के हमलों की तो उनके भी हमले कम नहीं है। इस समय अवधि में बंदरों के हमले में घायल 16 हजार 79 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई है।
दरअसल कुत्ता, बिल्ली और बंदर आए दिन घरों, बस्तियों और सार्वजनिक जगहों पर लोगों पर हमलावर हो रहे हैं। वहीं आवारा कुत्तों और बंदरों का तमाम इलाकों में आतंक बरकरार है, जिनसे लोगों में खौफ है। क्योंकि आवारा कुत्ते पैदल और दोपहिया वाहन सवारों को दौड़ा लेते हैं और हमला करके उन्हें घायल कर देते हैं। तो दूसरी ओर बंदरों का आतंक भी कम नहीं है। गली मोहल्ला और पार्कों में आए दिन बंदर भी लोगों पर हमला कर रहे हैं। यही वजह है कि जिले के अस्पतालों में इस साल अब तक 16 हजार से ज्यादा लोग बंदरों के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच चुके हैं।
वहीं बिल्ली भी इस मामले में पीछे नहीं है, बिल्लियां भी इस साल तीन हजार से ज्यादा लोगों को काट चुकी हैं। इन आंकड़ों के आधार पर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि जिले में कुत्तों, बिल्ली और बंदरों का आतंक छाया हुआ है। जिसके चलते एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सामान्य दिनों की बात करें तो एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने वाले 100-140 लोग रोजाना पहुंच रहे थे। लेकिन इस समय यह संख्या बढ़कर 150-200 के आस-पास पहुंच चुकी है।
पालतू जानवरों में जानिए रेबीज के लक्षण-
1- खाना निगलने में परेशानी हो सकती है।
2- ज्यादा लार बहना।
3- आक्रामक हो जाना।
4- लकवा हो सकता है।
5- सुस्ती देखने को मिल सकती है।
6- रैबीज पता करने के लिए पेट्स की लार और टिश्यू का लैब से टेस्ट कराएं।
रेबीज से बचने के लिए 5 सावधानियां-
1- पेट्स को एंटी रैबीज का टीका लगवाएं।
2- आवारा और जंगली जानवरों से दूर व सावधान रहें।
3- किसी जानवर का व्यवहार अजीब लगे तो उससे दूर रहें।
4- कुत्ते के काटने पर 24 घंटे में एंटी रेबीज की पहली डोज लें।
5- रेबीज और डॉग बाइट के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाएं।
पालतू जानवरों के काटने पर न हों परेशान, करें 5 उपाय-
1- अगर घाव कम है तो आप पट्टी या कपड़ा न बांधें, खुला रहने दें।
2- जितनी जल्दी हो सके या 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को दिखाकर वैक्सीन लगवाएं।
3- वायरस फैलने से रोकने के लिए एंटी बैक्टीरियल क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4- खून बह रहा है या मांस दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और प्राथमिक उपचार करवाएं।
5- कुत्ते के काटने पर मामूली चोट आई हो या खरोंच हो तो सबसे पहले चोट को साफ पानी से धो लें।
एंटी रेबीज वैक्सीन के लिए रोजाना 150- 200 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, अच्छी बात ये है कि ऐसे मरीजों के लिए यहां पर्याप्त वैक्सीन मौजूद है- डॉ. वैभव शुक्ला, एआरवी प्रभारी, 300 बेड हॉस्पिटल।
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