हल्द्वानी: Medical College Ragging Case - 10 छात्र चिन्हित, 6 संदिग्धों पर भी गिरेगी गाज
हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज में आठ माह बाद रैगिंग की दूसरी घटना हुई है। यह घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद है। जिसकी मदद से कॉलेज प्रबंधन ने एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के 10 सीनियर छात्रों पर कार्रवाई की है। वहीं घटना में 6 छात्र संदिग्ध हैं, इन पर भी गाज गिर सकती है।
मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष रैगिंग की पहली घटना मार्च माह में हुई थी। जिसमें सीनियर छात्रों ने मैस में जूनियर छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार किया था। इस घटना के बाद कॉलेज प्रबंधन ने आरोपी छात्रों पर सख्त कार्रवाई की थी, इसके बावजूद छात्रों पर कोई असर नहीं हुआ।
शुक्रवार को हॉस्टल में जूनियर छात्रों की रैगिंग करने के मामले में कॉलेज प्रबंधन ने 16 सीनियर छात्रों को चिन्हित किया है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 10 छात्रों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन 6 संदिग्ध छात्रों की पहचान की जा रही है।
प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच पड़ताल के बाद छह अन्य संदिग्ध छात्रों पर भी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन 10 छात्रों को चिन्हित कर कार्रवाई की गई है, उनके परिजनों को बुलाकर कॉलेज से बाहर किया जायेगा।
पांच साल में अब तक हुई रैगिंग की घटनाएं
-सितंबर, 2018 को भी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को झुककर चलने, मारपीट करने और परेशान करने की शिकायत की थी।
-अक्टूबर, 2018 में भी एमबीबीएस तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने दूसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों से मारपीट की थी। तब तीन छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया था।
-जुलाई, 2019 को एमबीबीएस के तृतीय वर्ष के छात्रों ने द्वितीय वर्ष के छात्रों के साथ मारपीट की थी। इसमें एक छात्र का कान का परदा फट गया था। तब सात छात्रों को तीन महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया था और 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया था।
-चार मार्च, 2022 को वीडियो वायरल हुआ था। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 43 छात्रों के सिर मुड़वाए थे वे सिर झुकाकर परिसर में चल रहे थे। 123 से अधिक छात्रों पर पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया और 19 मार्च को अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
-नौ दिसंबर, 2022 को आडियो काल के जरिये एमबीबएस के एक छात्र को सीनियर छात्रों ने गालीगलौज की थी। इसमें से एक पर 50 हजार व 42 छात्रों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया था। मुख्य आरोपित को तीन महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया था।
