मुरादाबाद : एनडीपीएस कोर्ट ने चार तस्करों को सुनाई 20-20 साल की सजा, दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
आरोपियों के दबोचे जाने से लेकर कोर्ट की अंतिम कार्रवाई तक लगे कुल 309 दिन
मुरादाबाद, अमत विचार। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंगलवार को एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट में चार अभियुक्तों को 20-20 साल के कारावास और दो-दो लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। इन दोषसिद्ध अभियुक्तों में जितेंद्र, अजीम, सावेज और जीशान हैं। सभी मुरादाबाद और अमरोहा जिले के रहने वाले हैं। सजा सुनते ही अभियुक्त अदालत में रोने लगे। पुलिस ने न्यायाधीश ने आदेश पर चारों अभियुक्तों को गिरफ्त में ले लिया। चारों अभी तक करीब दो-ढाई महीने से जमानत पर चल रहे थे। एनडीपीएस एक्ट में 20-20 साल की सजा का यह पहला बड़ा मामला है।
अभियुक्तों की गिरफ्तारी से लेकर इस मुकदमे की सुनवाई और अंतिम निर्णय तक कुल 309 दिन लगे। अदालत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सजा सुनाई। एनडीपीएस एक्ट मामले में जिले में अब तक की यह दूसरी और सबसे बड़ी सजा है। एक साल पहले दोषसिद्ध अभियुक्त हसीना को भी एनडीपीएस एक्ट के मामले में ही न्यायालय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई थी।
विशेष लोक अभियोजक (शासकीय अधिवक्ता) ड्रग्स वैभव अग्रवाल ने बताया कि पांच में चार आरोपियों को तीन जनवरी को मझाेला थाने के दरोगा नवीन कुमार ने गश्त के दौरान गिरफ्तार किया था। एक आरोपी आसिम पुत्र छुट्टन खां भी है, जो मौके से भाग गया था। आसिम अमरोहा में कुरैशी मुहल्ले का रहने वाला है। जो फिलहाल जमानत पर है। न्यायालय में इसके मामले की सुनवाई चल रही है। गिरफ्तार अन्य चारों आरोपियों जितेंद्र, अजीम, सावेज और जीशान के पास से पुलिस ने नशे का इंजेक्शन व कैप्सूल बरामद किए थे। इस मामले की विवेचना दरोगा नवीन कुमार ने ही की थी। मार्च में विवेचना पूरी कर दरोगा ने न्यायालय में 60 पन्ने की चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इसके बाद गवाही का दौर चला।
इसमें तत्कालीन सीओ सिविल लाइन डॉ. अनूप सिंह और गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम की गवाही हुई। मामले में न्यायालय ने एक-एक सप्ताह के अंतराल में पेशी की तारीखें लगाकर सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित कर मंगलवार को सजा का आदेश पारित कर दिया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद चारों अभियुक्त जमानत पर जेल से रिहा चल रहे थे। अंतिम फैसला सुनाने के दिन पुलिस इन लोगों को न्यायालय से ही गिरफ्तार कर कड़ी सुरक्षा में जेल ले गई।
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