मुरादाबाद : पीतलनगरी के निर्यातक चिंतित, इजराइल-हमास युद्ध से करोड़ों के आर्डर निरस्त
प्रभाव : पीतलनगरी के निर्यातक चिंतित, नए आर्डर नहीं मिल रहे, पुरानों पर माल की मांग हुई कम
अवधेश अग्रवाल, हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन महासचिव
मुरादाबाद,अमृत विचार। एक महीने से चल रहे इजरायल और हमास के बीच युद्ध से महानगर के निर्यातकों को नुकसान हो रहा है। इस दौरान कई निर्यातकों के आर्डर निरस्त हो गए हैं। साथ ही सामान का आर्डर मिले, लेकिन वे डंप पड़े हैं। यहां से अधिकांश सामान अमेरिका और यूरोप के देशों में जाता है। हर रोज नुकसान का आंकड़ा बढ़ रहा है। अब तक करीब 20 से 25 करोड़ के आर्डर निरस्त हो गए हैं।
सात अक्टूबर को इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ तो इसका असर दुनिया भर के देशों समेत भारत में देखने को मिला। युद्ध के चलते पीतलनगरी के निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति अमेरिकी बाजार की है। मिडिल ईस्ट के कई देशों ने निर्यातकों के आर्डर निरस्त कर दिए हैं। किसी के दो करोड़ तो किसी के पांच करोड़ के आर्डर को झटका लगा है। इजरायल से भी कारोबारियों को सामान का आर्डर मिला था, लेकिन अब जंग की वजह से ये आर्डर निरस्त हो गए। क्योंकि वहां लोग सामान मंगाने की स्थिति में नहीं है। इससे निर्यातकों के सामने विकट स्थिति खड़ी हो गई है। युद्ध से पहले आर्डर भी मिले थे, लेकिन इस युद्ध की वजह से नुकसान ज्यादा हो रहा है। इससे कारोबारी निराश हो रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित फेयर में कई निर्यातकों को मध्य पूर्व के कारोबारियों से सामान मंगाने के लिए आर्डर मिले थे। इससे निर्यातक भी खुश थे, लेकिन अब धीरे-धीरे आर्डर कम हो रहे हैं। इससे निर्यातक की चिंता बढ़ रही है। बुके किए हुए आर्डर पर न तो सामान मंगाया जा रहा है और न ही नए आर्डर मिल नहीं रहे हैं। इससे पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भी कारोबार पर प्रभाव पड़ा था। हालांकि निर्यातक स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। ताकि उसका कारोबार में सुधार आ सके।
इजरायल और हमास के बीच युद्ध का असर दुनियाभर पर पड़ रहा है। निर्यात कम हुआ है। महानगर के कारोबारियों के यूएस, यूरोप, इजराइल समेत कई देशों में व्यापारिक रिश्ते हैं, लेकिन अब युद्ध की वजह से आर्डर निरस्त किए जा रहे हैं। अब तक करीब 20 से 25 करोड़ के आर्डर निरस्त हो चुके हैं। हर रोज इनकी संख्या बढ़ रही है। चार-दिन पहले 10 करोड़ के आर्डर निरस्त हुए थे। इससे चिंतित होना स्वाभाविक है, जो पहले का सामान था, उसे भी नहीं मंगाया जा रहा और नए आर्डर भी नहीं मिल रहे है। इससे आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। - अवधेश अग्रवाल, हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन महासचिव
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