काशीपुर: मिथ्या साक्ष्य और कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर दो के खिलाफ मुकदमा
काशीपुर, अमृत विचार। एमएसीटी/ द्वितीय एडीजे कोर्ट के प्रधान सहायक ने मिथ्या साक्ष्यों व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय में मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद दायर करने के मामले में याचिकाकर्ता व विपक्षी ट्रैक्टर-ट्राली चालक के खिलाफ आईटीआई थाने में केस दर्ज कराया है। कोर्ट ने एक सप्ताह पूर्व यह वाद खारिज कर दिया था।
सुभाष नगर कॉलोनी निवासी कविता देवी ने एडीजे द्वितीय में परिवाद दायर किया था कि 28 जनवरी, 2013 को बरेली से लौटते समय रामपुर बाईपास पर ट्रैक्टर चालक ने उसके पति विजयपाल के छोटा हाथी को टक्कर मार दी। हादसे में घायल विजयपाल की 12 फरवरी 2013 को इलाज के दौरान मौत हो गई। याचिकाकर्ता ने प्रतिपूर्ति के रूप में दो बीमा कंपनियों व ट्रैक्टर चालक से 15 लाख रुपये की मांग की।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिवाद को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया, लेकिन याचिकाकर्ता ने क्लेम की राशि बढ़ाने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ली। बीमा कंपनी ने भी एमएसीटी के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के दौरान यह तथ्य कोर्ट के संज्ञान में आए कि विपक्षी ट्रैक्टर चालक सब्बन खां मोटर दुर्घटना प्रतिपूर्ति वाद के सात अन्य केसों में लिप्त है।
याचिकाकर्ता कविता देवी की ओर से मिथ्या साक्ष्यों व दस्तावेजों के आधार पर क्लेम किए जाने की बात सामने आई। हाईकोर्ट में निस्तारित याचिका के आलोक में द्वितीय एडीजे रीतेश कुमार श्रीवास्तव की इस परिवाद को निरस्त कर दिया और याची समेत ट्रैक्टर चालक के खिलाफ सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कराने के आदेश दिए। कोर्ट के प्रधान सहायक/ मुंसरिम मुनिराज सिंह की तहरीर पर पुलिस ने कविता व सब्बन के खिलाफ एक दर्जन गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
