मुरादाबाद : 24वीं वाहिनी पीएसी को बैरक निर्माण को फिर मिले 99.87 लाख
अवस्थापना सुविधा-तीन साल से पीएसी में बन रही है 200 व्यक्तियों की क्षमता वाली बैरक, कार्यदायी संस्था की हीलाहवाली के चक्कर में कमजोर रहा काम
मुरादाबाद, अमृत विचार। कार्यदायी संस्था की हीलाहवाली में 24वीं वाहिनी पीएसी में निर्माणाधीन बैरक का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इस बैरक को बनते-बनते तीन साल बीतने को हैं। कार्य पूरा होने में देरी का कारण धनराशि मिलने के बाद भी निर्माण की गति को कमजोर बनाए रखना बताया जा रहा है। अवशेष धनराशि भी पिछले दिनों सोमवार को शासन ने अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय को उपलब्ध करा दी है। इसमें शेष धनराशि के तौर पर शासन के अनु सचिव प्रभात रंजन ने 99.87 लाख रुपये पीएसी के लिए संबंधित बैंक खाते में जारी कर दिए हैं।
पीएसी में 200 व्यक्तियों के ठहरने के लिए बैरक बनाई जा रही है। इसके निर्माण के संबंध में शासन ने सात मार्च 2020 को स्वीकृति जारी की थी। इस बैरक के बनाने में कुल 11.97 करोड़ 85 हजार रुपये खर्च किया जा रहा है। शुरुआत में शासन ने बैरक निर्माण के लिए 1.50 करोड़ रुपये जारी किए थे। लेकिन, इस धनराशि में से केवल एक करोड़ रुपये ही खर्च किया जा सका था।
उधर, कार्यदायी संस्था ने निर्माणाधीन कार्य पर खर्च धनराशि के संबंध में उपयोगिता प्रमाण पत्र भी शासन में देरी से उपलब्ध कराया था। जिस पर कार्य की गति और अधिक कमजोर रही। ऐसे में पुलिस मुख्यालय के पास उपलब्ध शेष धनराशि के तौर पर 50 लाख रुपये वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन 31 मार्च 2020 को शासन में लौटा दिए थे। पीएसी की बैरक बनाने के लिए फिर 26 फरवरी 2021 को शासन स्तर से पुलिस मुख्यालय को 2.99 करोड़ 46 हजार रुपये अवमुक्त हुए थे।
इसके सापेक्ष कार्यदायी संस्था ने 99.82 लाख रुपये की धनराशि संबंधित फर्म को भुगतान किया था। इसके बाद कार्यदायी संस्था ने शासने में उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में फिर लेटलतीफी की। नतीजा ये रहा कि पुलिस मुख्यालय को शेष बची धनराशि के 1.99 करोड़ 64 हजार रुपये फिर वित्तीय वर्ष के पूरा होने के दिन 31 मार्च 2021 के दिन शासन में लौटाने पड़े थे। यही नहीं, बैरक जल्द बन जाए और पीएसी के जवानों को उसका लाभ मिले, इसके लिए फिर शासन स्तर से दो नवंबर 2021 को 2.99 करोड़ 45 हजार रुपये पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराए गए।
इस बार कार्यदायी संस्था ने बैरक बनाने में गति पकड़ी और मिली धनराशि का सदुपयोग कर लिया था। फिर शासन ने बजट में स्वीकृत शेष धनराशि में से 24 मई 2005 के दिन फिर 2.99 करोड़ 46 लाख रुपये पुलिस मुख्यालय को दिए थे। अब छह नवंबर को अनु सचिव प्रभात रंजन ने बैरक निर्माण के एस्टीमेट में स्वीकृत कुल धनराशि से बकाया 99.85 लाख रुपये भी पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करा दिए हैं।
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