Chhoti Diwali 2023: क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली? इस दिन बिल्कुल भी न करें ये काम, जानें यम दीपक जलाने का मुहूर्त

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Published By Vishal Singh
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बरेली, अमृत विचार। आज छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी है। छोटी दिवाली को लेकर अधिकतर लोगों को पूरी जानकारी नहीं होती है। इसे नरक चौदस, रूप चौदस, छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इस दिन आयु के देवता यमराज की उपासना की जाती है और सौन्दर्य प्राप्ति के प्रयोग किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्री कृष्ण की उपासना भी की जाती है, इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का वध किया था। जिसने 16 हजार से ज्यादा महिलाओं को अपनी कैद पर रखा हुआ था। जिन्हें भगवान श्री कृष्ण ने आजाद कराया था। तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के तौर पर मनाया जाता है। 

इस लिए किया जाता है छोटी दिवाली पर दीपदान 
छोटी दिवाली के दिन शाम को घर के बाहर मृत्यु के देवता यमराज को दक्षिण दिशा में दीप दान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। कहते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण की पूजा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है।

यम दीपक जलाने का मुहूर्त
छोटी दिवाली पर आज यम का दीपक जलाने के दो मुहूर्त रहेंगे। प्रदोष काल और वृषभ काल. प्रदोष काल शाम 05 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा, जबकि वृषभ काल की शुरुआत 05 बजकर 46 मिनट से होगी और 07 बजकर 42 मिनट पर इसका समापन होगा।

नरक चतुर्दशी के दिन ये बिल्कुल भी न करें

-नरक चतुर्दशी के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

-नरक चौदस के दिन घर को बंद करके नहीं जाना चाहिए।

-नरक चतुर्दशी के दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए।

-इस दिन भूलकर भी झाड़ू को पैर से नहीं मारना चाहिए, बल्कि रात में झाड़ू को बाहर फेंक देना चाहिए।

-नरक चतुर्दशी के दिन किसी जीव को नहीं मारना चाहिए।

-इस दिन घर की दक्षिण दिशा को गंदा नहीं करना चाहिए।

नरक चतुर्दशी पर तेल से स्नान करना माना जाता है शुभ
लोगों का मानना है कि नरक चतुर्दशी के दिन देवी काली और भगवान कृष्ण ने राक्षस नरक को हराया था और उसका वध किया था। कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान, भगवान कृष्ण ने राक्षस को नष्ट करने के बाद तेल से स्नान किया था। यही कारण है कि दिन निकलने से पहले सभी उचित प्रक्रियाओं के साथ तेल से स्नान करना बहुत भाग्यशाली माना जाता है।

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