अरुणाचल प्रदेश: निर्बाध बिजली आपूर्ति और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है एशिया का सबसे पुराना बौद्ध मठ

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

तवांग। अरुणाचल प्रदेश के तवांग स्थित मठ को भले ही एशिया का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा मठ होने का गौरव हासिल हो, लेकिन यह आज भी निर्बाध बिजली आपूर्ति और सुलभ स्वास्थ्य सेवा की सुविधा से वंचित है। इस मठ के प्रमुख एबॉट शेडलिंग तुल्कु थुप्तेन तेंदर रिनपोचे के लिए चिंता का विषय यह भी है कि बड़ी संख्या में आने वाले लोग आसपास कचरा छोड़ जाते हैं।

ये भी पढ़ें - कर्नाटक: एक परिवार के चार लोगों की चाकू मारकर हत्या

‘तवांग मठ’ के प्रमुख के रूप में पदभार संभालने का एक वर्ष पूरा कर चुके रिनपोचे अपने अधीनस्थ भिक्षुओं और शिक्षार्थियों से खुश हैं, लेकिन उनके लिए सुविधाओं की कमी उन्हें चिंतित करती हैं। तवांग मठ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और भारत का सबसे पुराना मठ है।

इसकी स्थापना वर्ष 1680-81 में हुई थी। रिनपोचे ने एक दुभाषिया के माध्यम से अपनी मूल तिब्बती जुबान में  से कहा, ‘‘हमारे मठ के भिक्षु बहुत अनुशासित हैं और अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे निर्धारित परंपराओं का अच्छी तरह से पालन कर रहे हैं।’’ मठ प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे लिए एक बड़ा मुद्दा स्वास्थ्य सुविधाएं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति के मामले में हमारे भिक्षुओं को गुवाहाटी या तेजपुर की यात्रा करनी पड़ती है।

अगर सरकार यहां भी इसी तरह की सुविधाएं सुनिश्चित कर दे तो यह हमारे लिए काफी मददगार होगा।’’ गुवाहाटी तवांग से लगभग 430 किमी दूर है जबकि तेजपुर लगभग 330 किमी की दूरी पर है। रिनपोचे ने अरुणाचल सरकार से मठ के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। उनका कहना है, ‘‘आजकल प्रौद्योगिकी आधारित दुनिया है और इसमें बिजली महत्वपूर्ण है।

लेकिन बिजली आपूर्ति नियमित नहीं है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि अगर वह निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर सके, तो यह न केवल भिक्षुओं के लिए बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों और अति विशिष्ट आगंतुकों के लिए भी फायदेमंद होगा।’’ मठ की लोकप्रियता बढ़ने से यहां आने वाले आगंतुकों को संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर एबॉट ने अधिक लोगों के पहुंचने से होने वाले नुकसान के बारे में भी चेताया है।

ये भी पढ़ें - MP चुनाव: झाबुआ में ‘खाटला बैठकों’ और ‘हाट जुलूसों’ से होकर गुजरता है विधानसभा तक पहुंचने का रास्ता

संबंधित समाचार