38वीं इंदिरा मैराथन: देश भर के 560 नामचीन धावकों में जसवंत और रेनू ने हासिल किया पहला स्थान

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Published By Sachin Sharma
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प्रयागराज। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्म तिथि 19 नवंबर पर खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव रविवार की सुबह 6.30 बजे आनंद भवन के सामने हरी झंडी दिखाकर मैराथन दौड़ का शुभारंभ किया। 38वीं अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन में देश भर ही शामिल हुए 560 नामचीन धावकों लिया में 480 पुरुष और 80 महिलाओं ने पंजीकरण कराया था।

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पुरुष वर्ग में सेना के जवान ने ही बाजी मारी है। फिरोजाबाद के जसवंत बघेल इंदिरा मैराथन में पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने अपनी रेस 2:21:55 घंटे में पूरा किया। 38 वीं अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन में रविवार को देश भर से आए 560 नामचीन धावकों ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया।

इस दौड़ प्रतियोगिता में 480 पुरुष और 80 महिला धावकों ने पंजीकरण कराया था। इंदिरा मैराथन दौड़ प्रतियोगिता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्म तिथि 19 नवंबर के अवसर पर मनाई जाती है। इस अवसर पर खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव सुबह 6:30 बजे आनंद भवन के सामने हरी झंडी दिखाकर मैराथन का शुभारंभ किया। आनंद भवन के सामने गन शाट के साथ धावकों ने प्रारंभिक रेखा को पार करते हुये विजेता बनने की होड़ में दौड़ शुरू कर दी।

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मैराथन में जसवंत ने पहला स्थान प्राप्त किया। उन्होंने दौड़ दो घंटा, 21 मिनट और 50 सेंकड चार अपनी दौड़ पूरी  वहीं। दूसरे स्थान पर आर्मी पुणे के बी सिरानू रहे। उन्होंने दो घंटा, 21 मिनट और 56 सेंकड का समय लिया। तीसरे स्थान पर प्रयागराज के अनिल कुमार सिंह रहे। उन्होंने दो घंटा, 22 मिनट और 21 सेकंड का समय लिया।

चौथे स्थान पर प्रदीप सिंह रहे। इन्होंने 2 घंटा, 23 मिनट और 11 सेकंड का समय लिया। 42.195 किलोमीटर लंबी इस मैराथन को जीतने वाले को दो लाख रुपये मिलेंगे। द्वितीय पुरस्कार एक लाख और तृतीय स्थान पाने वाले को 75 हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा चौथे स्थान से लेकर 14वें स्थान पर रहने वाले धावकों को 10-10 हजार रुपये का सांत्वना पुरस्कार मिलेगा।

मालूम हो कि मैराथन में इस बार पिछले बार के विजेता ओलंपियन सुधा सिंह व ओलंपियन गोपी टी शामिल नहीं कि सके है। जबकि पूर्व विजेता हेतराम, वाराणसी के राहुल पाल, आर्मी पुणे के राहुल, उप विजेता रह चुकीं रंजना, दिव्यांका, सेना के सिरानू, प्रदीप जसवंत, 2021 के उप विजेता अनिल कुमार सिंह, नीरज कुमार, आरती पटेल, तामसी सिंह, श्यामली सिंह, नीता पटेल, अनीता रानी, रानी यादव शामिल रहीं।

दिल्ली की नूतन ने बेहोश होने पर नहीं मानी हार,पाया दूसरा स्थान

दिल्ली कि रहने वाली नूतन आठ भाई बहनों में छठवें स्थान पर है। नूतन की पारिवारिक स्थिति काफी कमजोर है। वह पढ़ाई के साथ ही दौड़ में ज्यादा ध्यान रखती हैं। रोज सुबह- शाम 10 किलोमीटर की दौड़ उन्हें तय करना हैं। इंदिरा मैराथन में उन्होंने दूसरी बार भागीदारी की है। अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन में दूसरा स्थान हासिल करने वाली दिल्ली के शहादरा की रहने नूतन है। नूतन की मां शीला फैक्ट्री में काम करती हैं। भाई बहन पढ़ते हैं।

पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। नूतन दौड़ लगाते वक्त कई बार लड़खड़ा कर गिरीं और बेहोश हो गईं। लेकिन जूनून के आगे हार नहीं मानी। वह उठीं और फिर दौड़ लगाई। उनका जज्बा बढ़ता ही गया। उन्होंने महिला वर्ग में दूसरा स्थान प्राप्त किया। नूतन के साथ उनके भाई ने भी इंदिरा मैराथन में हिस्सा लिया था।

नूतन ने बताया कि शायद वह गिरी न होतीं तो वह पहला स्थान प्राप्त करती, उनका संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। नूतन ने बताया कि जनवरी में मुंबई में होने वाली प्रतियोगिता में वह पूरे जोश के साथ भाग लेंगी। 

नूतन ने बताया कि परिवार में उनके लिए कोई अलग से  खाने की व्यवस्था नहीं की जाती है।  सादा खाना खाकर ही खुद इस मुकाम तक पहुंचाया है। सुबह पांच बजे सोकर उठने के बाद जाती 10 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं। नूतन ने कहा कि जीत में जो पैसे मिलेंगे उससे वह अपनी  मां और परिवार की मदद करेंगी। हमें एक मकान खरीदना है। हमारा परिवार अभी किराए पर रहता है।

गश खाकर गिरे कई धावक

शुरुवाती दौड़ के समय धावकों में काफी जोश देखने को मिला। लेकिन कुछ दूर कि दौड़ का सफर तय करने के बाद कई धावक हिर पड़े। उन्हें होश में लाने के लिए उपचार में लगी टीम अपने साथ लेकर गई। जिसके बाद उन्हें स्टेडियम पहुंचाया गया। 

धावकों पर की गई पुष्पवर्षा

सुबह से धावकों के स्वागत में खड़े  दर्शक उनके पहुंचने पर पुष्पवर्षा की। टर्निंग पॉइंट पर गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत करने हुए सभी का हौसला बढ़ाया। वही जगह जगह लगे नीबू पानी के स्टाल से धावको को सहयोग भी किया गया। 

सेना का जलवा रहा बरकरार

38वीं इंदिरा मैराथन में सेना के धावक का जलवा रहा। जसवंत ने दो घंटा, 21 मिनट और 50 सेकंड का समय लिया। दूसरे स्थान पर आर्मी पुणे के बी. सिरानू रहे। उन्होंने दो घंटा, 21 मिनट और 56 सेकेंड का समय लिया। तीसरे स्थान पर प्रयागराज के अनिल कुमार सिंह रहे।

उन्होंने दो घंटा, 22 मिनट और 21 सेकेंड का समय लिया। चौथे स्थान पर प्रदीप सिंह रहे। इन्होंने 2 घंटा, 23 मिनट और 11 सेकेंड का समय लिया। इंदिरा मैराथन में महिला धावकों में भोपाल की रेनू प्रथम स्थान पर रहीं। अशोक नगर दिल्ली की रहने वाली 12वीं की छात्रा नूतन दूसरे स्थान पर आईं। वह पहली बार इंदिरा मैराथन में दौड़ीं।

मुंबई हाफ मैराथन मैं उनका दूसरा स्थान था। तीसरे स्थान पर प्रयागराज की शिप्रा रहीं। प्रथम पुरस्कार के रूप में 2,00,000 रुपए द्वितीय पुरस्कार के रूप में 1,00,000 रुपए और तृतीय पुरस्कार के रूप में 75 हजार रुपये दिए जाएंगे। 10 अन्य विजेताओं को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 10-10 हजार रुपये मिलेंगे।

1986 में शुरू हुआ था मैराथन का आयोजन

साल 1985 में शुरू हुई इंदिरा मैराथन का यह 38वां संस्करण है। ‌वर्ष 2020 में कोरोना के कारण इंदिरा मैराथन का आयोजन नहीं हो सका था। इंदिरा मैराथन में 19 नवंबर 1986 को बिहार के स्वरूप सिंह ने दो घंटा 13 मिनट 57 सेकेंड का रिकार्ड बनाया था, जो आज तक कायम है। जबकि 19 नवंबर 1996 को दक्षिण रेलवे मुंबई की सत्यभामा ने 2 घंटा 44 मिनट 40 सेकेंड में इंदिरा मैराथन को पूरा कर रिकार्ड बनाया था और यह रिकार्ड भी आज तक नहीं टूटा है। इस बार यह दोनों रिकार्ड भी धावकों के निशाने पर होंगे। ‌

किसको कितना मिलेगा पुरस्कार

 प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को दो लाख रुपये की पुरस्कार राशि, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को एक लाख की पुरस्कार राशि, वहीं तीसरा स्थान हासिल करने वाले को 75 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 4 से 14 स्थान तक आने वाले खिलाड़ियों को सांत्वना के रूप में10000 का पुरस्कार दिया जाएगा।

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