मुरादाबाद : सर्दी बढ़ने से कोल्ड डायरिया का खतरा, इम्यूनिटी कम वाले बच्चे आते हैं चपेट में

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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मुरादाबाद, अमृत विचार। ठंड में बीते एक सप्ताह से मरीजों की संख्या घट रही है। लेकिन वहीं सर्दी बढ़ने से बच्चों में कोल्ड डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा मंडराने लगा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला एवं महिला अस्पताल की ओपीडी में कोल्ड डायरिया के 10 से अधिक बच्चे पहु़ंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि लापरवाही होने पर यह जानलेवा भी हो सकती है। ठंड का मौसम दिन पर दिन बढ़ रहा है। हर रोज 12 से 14 बच्चे को लिए माताएं उपचार कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंच रही है। जिनको उल्टी, दस्त, खांसी, जुखाम, बुखार से परेशान है। यह कोल्ड डायरिया के प्रमुख लक्षण माने जाते हैं।

जिला महिला अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.मुजीबुल्लाह ने बताया कि कोल्ड डायरिया मूल रूप से ठंड में वायरस अटैक से होता है। इस समय 10 से अधिक मरीज इसके आ रहे है। इसके अलावा ठंड में जोयारोट्रो वायरस, इंट्रोवायरस, क्लैपसेला और ईकोलाई से परेशानी होती है। इन वायरस के प्रवेश के बाद बच्चों को पेचिस की शिकायत हो जाती है। एक दिन में दो या तीन बार से अधिक पानी जैसी दस्त हो जाए तो इसका मतलब है कि बच्चे के भीतर रोट्रो व नोरो बायरस का अटैक पड़ गया है।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि पहले वैक्सीनेशन टाइम से लगवाएं। जो डेढ़ माह, ढाई माह, और साढ़े तीन माह लगता है। इसमें जोरोटो वायरस की वैक्सीनेशन दी जाती है। किसी बच्चों को डायरिया होने पर ओआरएस (जीवन रक्षक खोल ) देना चाहिए। 10 किलो के बच्चे को प्रत्येक शौच के बाद 100 एमएल देना रहता है। सफाई पर विशेष ध्यान दें। इम्यूनिटी कमजोर होने वाले बच्चों यह समस्या अधिक होती है। उन्होंने बताया कि गत माह में जन्मे बच्चों के लिए यह पहली सर्दी है। उन्हें ठंड से बचाने के लिए कई परतों में गर्म कपड़े पहनाएं।

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