विस. में सीएम योगी ने अखिलेश यादव के सवालों का दिया जवाब, कहा- पहले भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी के कारण यहां का युवा...

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Published By Sachin Sharma
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लखनऊ। यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सरकार की कमियां गिनाईं जिस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के सभी आरोपों का सीएम योगी ने सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष और सपा प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जनता अभी आपके कारनामों को भूली नहीं है।

सीएम ने कहा कि 2017 से पहले जहां यूपी में सिर्फ अराजकता और गुंडागर्दी थी वहीं आज यूपी 2017 के बाद नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। पहले यहां का युवा भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के कारण अपनी पहचान छुपाता था लेकिन अब माहौल बदल चुका है।

सीएम योगी ने कहा कि उन्हें लगता है कि नेता प्रतिपक्ष अच्छे से होमवर्क करके सदन नहीं आते हैं। अगर आते तो उन्हें सही जानकार होती। पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के पास सही आंकड़े नहीं हैं। 

सरकार इस बार सबसे बड़ा अनुपूरक बजट लेकर आई है। सीएम योगी ने कहा कि यूपी में सपा की चार बार सरकार रही। 2017 से पहले तक यूपी में सिर्फ गुडागर्दी और अराजकता ही देखने को मिलती थी वहीं यूपी के लोगों का नजरिया बदल गया है। सीएम ने कहा कि अगर हमारा यूपी आगे बढ़ेगा तरक्की करेगा तो इसमें तो पूरे विपक्ष को खुश होना चाहिये।

सीएम योगी ने सदन में जानकारी दी कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी जहां तेरह लाख करोड़ के आसपास थी वो अब 2023-24 में बढ़कर 24.5 लाख करोड़ पर पहुंच चुकी है। यानि यूपी अब लगभग दोगुनी गति से आगे बढ़ रहा है। 

सीएम योगी ने कहा कि गोमती रिवर फ्रंट की स्थिति का जो PPR बना था वो 167 करोड़ का था। डीपीआर 346 करोड़ के आसपास किया गया। फिर साल-2015 में इसको बढ़ाकर यह लोग 656 करोड़ पर लेकर आए। 

फिर जून 2016 में इसी DPR का एस्टिमेट 1513 करोड़ रुपए का था और 1437 करोड़ खर्च करने के बाद भी काम अधूरा ही पड़ा रहा। सीएम ने कहा कि लखनऊ बेंच का जो भवन बना है, उसमें पब्लिक का पैसा लगा है।

वर्तमान में यहां 20 जज वहां बैठते हैं लेकिन चैंबर 76 बनाए गए। इसकी जो पीपीआर थी, वह भी 46 करोड़ रुपए के आसपास थी। बाद में इसे भी बढ़ाकर 771 करोड़ रुपए किया गया। फिर 1561 करोड़ रुपए इस पर खर्च किए गए। लाखों रुपए आज भी इसके मेंटेनेंस पर खर्च हो रहे हैं। 

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