पीलीभीत: नहीं मिला रास्ता तो गाड़ी छोड़ पैदल चल दिए एएसपी, दूसरे गेट से सीओ ने निकलवाए वाहन..जानिए पूरा मामला
पीलीभीत /पूरनपुर, अमृत विचार। पराली जलाने के कथित विवाद पर लेखपाल ने किसान पर धमकाने, अभद्रता करने समेत आठ धाराओं में मुकदमा दर्ज करा रखा है। इसी मुकदमें को वापस करने की मांग को लेकर किसान नेता शनिवार को तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए।
धरना-प्रदर्शन के बीच पुलिस तब असहज हो गई, जब समाधान दिवस से एडिशनल एसपी बाहर निकले। वह अपनी गाड़ी की तरफ गए लेकिन आंदोलनरत किसान नेता टस से मस नहीं हुए। आंदोलनकारियों ने उनकी गाड़ी निकलने का रास्ता नहीं दिया।
अंत में एएसपी पैदल ही कोतवाली गए। आनन-फानन में स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने तहसील का दूसरा गेट खुलवा कर गाड़ी निकलवाई। मामला चर्चा का विषय बना रहा। बता दें कि लेखपाल श्याम राना के अनुसार 28 सितंबर को वह बेगपुर गांव गए थे।
किसान लखविंद सिंह ने अपने खेत में पराली जलाई। मना करने पर वह अपने चार-पांच साथियों के साथ हमलावर हो गए। अभद्रता कर धमकी दी। लेखपाल की शिकायत पर पुलिस ने किसान लखविंदर सिंह पर सरकारी काम में बाधा डालने, उस पर हमला करने, आपराधिक धमकी, लॉकडाउन में सरकारी निर्देशों का उल्लंघन करने समेत भारतीय दंड संहिता की आठ धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया था।
इसी को लेकर किसान नेताआक्रोशित हैं। अन्नदाता किसान यूनियन ने लेखपाल के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका दावा है कि लेखपाल ने जिस दिन का घटनाक्रम बताकर मुकदमा दर्ज कराया है, उस दिन वह यहां थे ही नहीं। इस मुकदमे को लेकर अब अन्नदाता किसान यूनियन के कार्यकर्ता मोर्चा खोल चुके हैं। पहले भी एसडीएम को मांग पत्र दिए गए थे।
शनिवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत किसान नेताओं ने तहसील में धरना शुरू कर दिया। पहले तो चर्चा रही कि किसान नेता आवारा पशुओं को साथ लेकर तहसील आ रहे हैं, हालांकि बाद में वह केवल सांकेतिक धरना देने पहुंचे। किसान जब तहसील में धरने पर बैठे, उस वक्त समाधान दिवस चल रहा था।
एएसपी अनिल कुमार यादव, एडीएम राम सिंह गौतम जनसुनवाई कर रहे थे। एडीएम और एसडीएम तहसील से कहीं निरीक्षण के लिए चले गए। एएसपी अन्य अधिकारियों के साथ समस्याओं का निस्तारण करते रहे। बाद में जब वह बाहर आए तो उन्हें भी किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। उनकी गाड़ी निकलने को रास्ता ही नहीं दिया गया।
