हल्द्वानी: लावारिस बॉडी के इंतजार में विद्युत शवदाह गृह, जब मिले तो हो टेस्टिंग...इसके बाद जनता को जागरुक करना होगा चुनौती

Amrit Vichar Network
Published By Bhupesh Kanaujia
On

गौरव तिवारी, अमृत विचार, हल्द्वानी। रानीबाग के चित्रशिला घाट में विद्युत शवदाह गृह को लोकापर्ण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कर चुके हैं। इसके बावजूद विद्युत शवदाह गृह में शव का अंतिम संस्कार शुरू नहीं हो पाया है। नगर निगम का कहना है कि परीक्षण के लिए शव की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए नगर निगम लावारिस शव के इंतजार में है।

रानीबाग में सालों से विद्युत शवदाह गृह बनाने की मांग थी। जिससे गार्गी नदी के किनारे हो रहे प्रदूषण में कमी आए। काफी इंतजार के बाद बीती 30 नवंबर को रानीबाग में विद्युत शवदाह गृह का लोकापर्ण भी हो गया लेकिन लोकापर्ण के पांच दिन के बाद भी शवदाह गृह में किसी भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ है।

विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी और नगर निगम के अवर अभियंता केवी उपाध्याय ने बताया कि शवदाह गृह को तभी शुरू किया जा सकता है जब इसमें एक शव को जलाने का परीक्षण पूरा हो जाए। मशीन की जांच के लिए शव को जलाना जरूरी है। फिलहाल टायर और मानव डमी को जलाकर परीक्षण पूरा किया गया है लेकिन मानकों के आधार पर एक शव को मशीन में जलाने के बाद ही पूरी रिपोर्ट ओके होगी। इसके लिए नगर निगम लावारिस शव का इंतजार कर रहा है। लावारिस शव को जलाने के बाद ही विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार का काम शुरू हो पाएगा।

48.90 लाख से बना है विद्युत शवदाह गृह
हल्द्वानी। विद्युत शवदाह गृह को बनाने में 48.90 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। यहां पर शवदाह के लिए तीन यूनिट लगाई गई हैं। एक यूनिट में विद्युत शवदाह गृह है तो वहीं बाकी की दो यूनिट में लकड़ी से अंतिम संस्कार होगा। नया शवदाह गृह गार्गी नदी के सीधे संपर्क में नहीं है। यहां लकड़ी से भी जो शवदाह होंगे, उनसे नदी में प्रदूषण नहीं होगा।

टायर, मानव डमी से विद्युत शवदाह गृह में परीक्षण पूरा हो गया है लेकिन इसकी शुरूआत के लिए एक बार शव को जलाकर परीक्षण पूरा करना होगा। ये तभी संभव होगा जब कोई लावारिस लाश यहां जलने आएगी।

-केवी उपाध्याय, अवर अभियंता, नगर निगम

संबंधित समाचार