लखनऊ: प्रशासन के भारी दबाव के बीच मकान खाली कर जाने लगे भीखमपुर के लोग, दिया गया था अल्टीमेटम 

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ अमृत विचार। राजधानी स्थित भीखमपुर में जिला प्रशासन के दबाव का असर दिखने लगा है। स्थानीय निवासी अपनी सालों पुरानी गृहस्थी छोड़कर यहां से मायूस होकर जाने लगे है।

स्थानीय निवासी ऋषभ ने बताया कि मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को भारी तादात में पुलिस व पीएसी बल के साथ पूर्व सैनिक बल के लोग यहां पहुंच गए। इस दौरान जिला प्रशासन लखनऊ विकास प्राधिकरण समेत कई विभागों के अधिकारी भी पहुंचे हैं। इतना ही नहीं लोगों के घरों के मुहाने पर बुलडोजर लाकर खड़ा कर दिया गया। ऐसे में हम लोगों के पास मकान खाली करने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचा है।

दरअसल, राजधानी के पेपर मिल कालोनी स्थित भीखमपुर व शिवाजी नगर में करीब 78 मकान को तोड़ने के लिए प्रशासन की टीम मंगलवार को सुबह ही इलाके में पहुंच गई थी। इस दौरान भारी तादात में पुलिस और पीएसी के जवान भी मौके पर मौजूद रहे। इतना ही नहीं बुल्डोजर के साथ एलडीए और नगर निगम की टीमें भी मौके पर मुस्तैद दिखाई पड़ी थी। इन मकानों से लोगों को हटाने के लिए सोमवार को ही मंडलायुक्त ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये थे।

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मंगलवार को इन मकानों के बिजली और पानी के कनेक्शन प्रशासन के इशारे पर काट दिये गये थे। जिससे लोग यहां से चले जायें, लेकिन लोगों पर इसका भी असर नहीं पड़ा था। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक वहीं डंटे रहे। इस इलाके के करीब 14 लोगों ने प्रशासन की तरफ से दिये गये मकान आवंटन पत्र को ले लिया था। जबकि मौके पर अन्य लोगों ने आवंटन पत्र लेने से इंकार कर दिया था। 

जिला प्रशासन के अधिकारी स्थानीय निवासियों को समझाने में जुटे हुये थे। अधिकारी सुरक्षा बालों के साथ एक-एक घर मे जाकर लोगों से मकान आवंटन का पत्र लेने को कह रहीं थीं, लेकिन स्थानीय निवासी अपना घर छोड़कर जाने के लिए तैयार नहीं थे, साथ ही कई स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन की टीम का जमकर विरोध भी किया था, लेकिन प्रशासन के दबाव में गुरुवार को स्थानीय निवासियों की तरफ से किसी तरह का कोई विरोध नहीं किया गया है।

सौंदर्गीकरण में बाधक बन रहे अतिक्रमण 
बता दें कि कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त कराने को लेकर मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने सोमवार को बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने मातहतों को निर्देश दिए थे कि कुकरैल नदी के सौदर्गीकरण के काम में बाधक बन रहे अतिक्रमण को तत्काल हटाए जाएं। मुनादी कराकर अतिक्रमणकारियों को दो दिन का समय दिया जाए और सामान कहीं और ले जाने को कहा जाए। मंडलायुक्त ने कहा था कि अवैध अतिक्रमण कर रहे लोगों को विस्थापित किया जाये। उन्होंने इस दौरान संपत्तियों को ध्वस्त करने का आदेश भी दिया था। उन्होंने कहा था कि ध्वस्तीकरण के दौरान संबंधित घरों की वीडियोग्राफी कराई जाए। घर का सामान शिफ्ट करने के दौरान जरूरत होगी तो प्रशासन उनकी मदद करेगा।

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