बरेली: फर्म ने सड़कों का ठेका लेने के लिए रकम में किया खेल, दूसरे ठेकेदारों का हंगामा
बरेली, अमृत विचार। पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड एक की एक दर्जन से अधिक सड़कों की विशेष मरम्मत का ठेका लेने के लिए ठेकेदार ने खेल कर दिया। उसने पारदर्शिता के लिए बनाए गए प्रहरी एप को ही चकमा दे दिया।
एक फर्म ने बिड कैपेसिटी 83.3 लाख में से प्वाइंट हटाकर 833 लाख रुपये कर 18 निविदाएं अपलोड कर दीं। जब दूसरे ठेकेदारों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने हंगामा किया और फर्म का ठेका निरस्त कर ब्लैकलिस्ट करने की मांग की।
सरकार ने सड़कों के ठेकों में पारदर्शिता के लिए प्रहरी एप की व्यवस्था लागू की है, लेकिन लोक निर्माण विभाग में ठेकेदार और अफसरों का गठजोड़ सिस्टम पर अब भी हावी है। निर्माण खंड -1 की सड़कों की विशेष मरम्मत के लिए तीन दिन पहले टेंडर डाले गए थे। आरोप है एमबी कंस्ट्रक्शन नाम की एक फर्म ने प्रहरी एप पर ठेका हथियाने के लिए बिड कैपिसिटी 83.3 लाख की जगह 833 लाख कर अपलोड कर दी।
टेंडर खुला तो एक ही फर्म की 18 निविदाएं अपलोड होने की जानकारी पर अन्य ठेकेदार भड़क गए। मंडलीय एसोसिएशन काॅन्ट्रेक्टर एसोसिएशन ने शुक्रवार को अधीक्षण अभियंता अभिनेश कुमार को शिकायती पत्र दिया।
ऐसे हुआ गोलमाल उजागर
नियमानुसार वार्षिक टर्नओवर के आधार पर ठेकेदार प्रहरी एप पर बिड कैपेसिटी अपलोड करता है। इसी आधार पर वह टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है। इसमें खास बात यह है कि एप पर टेंडर डालने वाले सभी ठेकेदार एक-दूसरे के अपलोड किए गए संबंधित दस्तावेज देख सकते हैं।
ठेकेदार शिव कुमार, दिनेश, अवधेश, संदीप ने बताया कि जब टेंडर खोल गए तो पता चला कि ठेकेदार वकील अहमद की ओर से 833 लाख रुपये की 18 निविदाएं डाली गई हैं, जिसकी वजह से कई ठेकेदार टेंडर प्रक्रिया से स्वत: बाहर हो गए।
सिंगल टेंडर के चलते चौथी बार निकाला था टेंडर
शासन के निर्देश पर निर्माण खंड-1 के एक्सईएन राजीव कुमार की ओर से पहले भी तीन बार सड़कों की विशेष मरम्मत के लिए टेंडर निकाले गए थे, लेकिन, हर बार सिंगल टेंडर की वजह से टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। ठेकेदारों का आरोप है कि चौथी बार टेंडर प्रक्रिया में चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने था, इसलिए टर्नओवर बढ़ाकर अपलोड की गई बिड कैपिसिटी को स्वीकार कर लिया।
कुछ ठेकेदारों ने सड़कों की विशेष मरम्मत को निकाले टेंडर में एक ही फर्म की 18 निविदाएं फर्जी तरीके से डाले जाने की शिकायत की है। इसकी जांच कराई जा रही है। मामला अगर सही निकला तो सभी निविदाएं निरस्त करने के साथ ही फर्म को काली सूची में डाल दिया जाएगा।- राजीव अग्रवाल, एक्सईएन, निर्माण खंड 1
साल 2022-23 का रिटर्न 83.3 लाख रुपये था। जिसे एक इंटरनेट कैफे वाले से प्रहरी पोर्टल पर अपलोड कराया था। 833 लाख की चूक कैफे संचालक से हुई है। एसई को पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया है। जानबूझकर कुछ नहीं किया गया। आरोप पूरी तरह निराधार हैं। -वकील अहमद, एमबी कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स
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