अल्मोड़ा: स्कूलों में बच्चों को नहीं मिल रहा पीने का पानी
अल्मोड़ा, अमृत विचार। प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के सरकार भले ही लाख दावे क्यों ना करे। लेकिन सच्चाई यह है कि आज सरकारी स्कूलों में बच्चों को पीने के लिए पानी तक नसीब नहीं है। इसकी बानगी प्रदेश के अल्मोड़ा जिले में देखी जा सकती है। जहां राज्य गठन के तेईस साल बाद भी 123 विद्यालयों में पेयजल संयोजन नहीं हैं।
राज्य गठन के तेईस सालों बाद भी विद्यालयों में आवश्यक संसाधनों का विकास नहीं हो पाया है। अल्मोड़ा जिले में कहीं विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं तो 123 विद्यालयों में पेयजल संयोजन ही नहीं है। ऐसे में छात्र-छात्राओं के साथ ही विद्यालय स्टाफ की समस्या बढ़ रही है। पेयजल संयोजन नहीं होने से यहां बने शौचालयों की स्थिति भी बदहाल होती जा रही है। विकासखंड सल्ट में तो स्थिति सबसे अधिक खराब है।
यहां 31 स्कूल पेयजल संयोजन विहीन हैं। जिले में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों की कुल संख्या 1701 है। जिनमें से विकास खंड भैंसियाछाना के 1, भिकियासैंण और चौखुटिया के चार चार, धौलादेवी के 16, द्वाराहाट के 11, लमगड़ा के 10, सल्ट के 31, स्याल्दे के 7, ताड़ीखेत के 23 और हवालबाग के 16 स्कूलों में आज तक पेयजल के संयोजन नहीं लग सके हैं। मजबूरी में छात्र छात्राओं को ही दूर दराज के पेयजल स्रोतों से पानी ढो कर स्कूल तक लाना पड़ता है।
जिला शिक्षा अधिकारी अंबा दत्त बलोदी की मानें तो जिले के जिन विद्यालयों में पेयजल संयोजन नहीं हैं। उनमें पेयजल संयोजन के लिए प्रस्ताव शासन व शिक्षा निदेशालय को भेजा गया है। प्रस्ताव के पारित हो जाने के बाद पेयजल संयोजन के लिए कार्रवाई की जाएगी।
