UP News: UPCA के बाहर के कैम्प कार्यालय बंद किए जाएं, अब संरक्षक सुशीला सिंघानिया का मीडिया के नाम खुला पत्र जारी

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में यूपीसीए के बाहर के कैम्प कार्यालय बंद किए जाएं।

कानपुर में यूपीसीए के बाहर के कैम्प कार्यालय बंद किए जाएं। अब संरक्षक सुशीला सिंघानिया का मीडिया के नाम खुला पत्र जारी हुआ। यूपीसीए ऑडियो जारी कर पत्र को फर्जी साबित करने में लगा‌।

कानपुर, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) में मचा बवाल अब और बढ़ता जा रहा है। यूपीसीए की संरक्षक सुशीला सिंघानिया ने शुक्रवार शाम को मीडिया को पत्र जारी करके जहां पदाधिकारियों पर तगड़ा एक्शन लिया।

वहीं यूपीसीए एक ऑडियो जारी कर सुशीला सिंघानिया के पत्र को फर्जी साबित करने में लगा है। सुशीला सिंघानिया की ओर से कहा गया है कि कमला टावर, ग्रीन पार्क, कमला क्लब कानपुर के अलावा अन्य जगहों के कैम्प कार्यालय जैसे-दिल्ली, लखनऊ, मेरठ, झांसी आदि यथाशीघ्र बंद किए जाएं।

सभी खिलाड़ियों एवं महिलाओं का सम्मान, चयन में पारदर्शिता एवं खेल का स्वस्थ माहौल प्रदान करना हमारी प्राथमिकता हो ऐसा सभी का प्रयत्न होना चाहिए।

बताया गया है कि यूपीसीए अध्यक्ष निधिपति सिंघानिया के नाम से एक मेल यूपीसीए के प्रेसीडेंट कारपोरेट एफेयर्स जीतेंद्र अवस्थी को जारी की गई है। जिसमें उनसे मामले की सत्यता व पूरी जानकारी लेने को कहा गया है।

इस बाबत जीतेंद्र अवस्थी ने कहा कि निधिपति द्वारा उत्तम केसरवानी को अपना प्रतिनिधि बनाए जाने की बात सही है। सुशीला सिंघानिया का पत्र भी सही है और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर कार्यालय होने से दिक्कतें आ रही थीं इसलिए सभी को रजिस्ट्रर्ड कार्यालय कमला टॉवर शिफ्ट किया जा रहा है।

उत्तम केसरवानी का कहना है कि सुशीला सिंघानिया मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करतीं हैं। यूपीसीए ने मीडिया को जो आडियो दिए हैं वह फर्जी हैं।

 डॉ. राघवपत को हेडऑफिस का चार्ज

यूपीसीए में चयन में सौदेबाजी, पदाधिकारियों के बीच बातचीत के ऑडियो और चैट कई दिनों से वायरल हो रहे हैं। इससे खराब हुई छवि को सुधारने के लिए यूपीसीए की संरक्षक सुशीला सिंघानिया ने बड़ा कदम उठा कर पदाधिकारियों की बोलती बंद कर दी। उन्होंने फैसला लिया कि जेके सीमेंट लि. के एमडी डॉ. राघवपत सिंघानिया को कमला टावर स्थित यूपीसीए के हेड ऑफिस के संचालन का जिम्मा दे दिया गया है।

उन्होंने यूपीसीए के अध्यक्ष निधिपति सिंघानिया से प्रतिनिधि नियुक्त कर सभी मामलों की जांच कराने के लिए भी कहा है। उन्होंने राजीव शुक्ला समेत सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पूरा सहयोग करेंगे। सुशीला सिंघानिया के पत्र के मुताबिक उन्होंने यूपीसीए के सचिव अरविंद कुमार श्रीवास्तव को इसका पूरा पालन करवाने के लिए निर्देश दिया है। 

सुशीला सिंघानिया ने ये लिखा पत्र में 

- विगत कुछ दिनों से यूपीसीए के अन्दर चल रहे विवादों को समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं टीवी पर देख-सुनकर मुझे अत्यन्त पीड़ा और निराशा हुई। 

-पिछले कुछ वर्षों से यूपीसीए की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले प्रकाशित समाचारों के कारण खिलाड़ियों और उनके पारिवारिकजनों के अलावा समाज के अन्य वर्गों से तीखी प्रतिक्रियाएं मेरे संज्ञान में लाई गई हैं। 

- यूपीसीए की साख बनाने में लगभग एक शताब्दी लगी है। इसे जेके घराने द्वारा तन, मन, धन से सींचा गया है। यूपीसीए, सदस्यगणों एवं अन्य जिला क्रिकेट संघों की प्रतिष्ठा जेके घराने से जुड़ी होने के कारण इस पर किसी भी प्रकार की आंच मुझे एवं यूपीसीए परिवार के लिए असहनीय है।

- मैंने डॉ. राघवपत सिंघानिया (जेके सीमेन्ट लि. के एमडी) को कमला टावर में यूपीसीए के हेड आफिस का समग्र रूप से संचालन की व्यवस्था जैसे-आवश्यक नियुक्तियां आदि करने को कहा है जिससे यूपीसीए की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जा सके। 

- इसके साथ ही यूपीसीए से सम्बन्धित सभी अधिकारी, सदस्य, मैनेजर, खिलाड़ी, कोच, अम्पायर इत्यादि मुझसे या डॉ राघवपत सिंघानिया से मुलाकात कर व्यक्तिगत रूप से अपनी समस्याओं से अवगत करा सकते हैं।

-जितेन्द्र अवस्थी पूर्व की भांति कमला क्लब स्थित प्रशासनिक कार्यालय से प्रेसीडेन्ट कारपोरेट अफेयर्स की भांति कार्य करते रहेंगे। यूपीसीए के पदाधिकारी, राजीव शुक्ला, युद्धवीर सिंह, मो अकरम सैफी (निजी सचिव, राजीव शुक्ला), अंकित चटर्जी आदि और सभी डायरेक्टर्स को हमारा स्पष्ट संदेश है कि सभी यूपीसीए के क्रिया-कलापों में उत्तम प्रसाद केसरवानी को अपना पूर्ण सहयोग दें। 

- इस पत्र के माध्यम से मैं यूपीसीए के समस्त पदाधिकारियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों से उत्तम प्रसाद केसरवानी को लेकर दिये जा रहे बयानों और टिप्पणियों पर स्वयं को आत्मसंयमित और अनुशासनित रखने की अपेक्षा करती हूं।

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