लखीमपुर-खीरी: जिले में नौ चीनी मिलों में पेराई सत्र चालू, गन्ना मूल्य भुगतान में छले जा रहे किसान

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Published By Moazzam Beg
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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। जिले में नौ चीनी मिलों में पेराई सत्र चालू है। अभी तक सभी चीनी मिलों द्वारा करीब 10 अरब 18 करोड़ से अधिक मूल्य का गन्ना किसानों से खरीदा जा चुका है, जिसके सापेक्ष अभी तक किसानों को चार अरब 18 करोड़ रूपये भुगतान किया गया है।

इसमें बजाज गु्रप की तीन मिलों गोला, पलिया व खंभारखेड़ा ने अभी तक एक दिन का भी भुगतान नहीं किया है। इस कारण किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान करने की गति धीमी बनी हुई है, जिससे बजाज ग्रुप की मिलों को गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों को सबसे ज्यादा आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। 

बता दें कि गन्ना एक्ट के मुताबिक चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदने की तिथि से 14 दिन में भुगतान करने का नियम है। 14 दिन में भुगतान न करने पर मिलों को देरी से भुगतान करने पर ब्याज समेत गन्ना मूल्य का भुगतान करने का प्राविधान है, लेकिन बजाज ग्रुप की तीन चीनी मिलें पिछले कई वर्षों से गन्ना एक्ट को दरकिनार कर मनमानी कर रही हैं। 

इसका ताजा उदाहरण यह है कि बजाज ग्रुप की तीनों मिलों चालू पेराई सत्र में एक दिन का भी भुगतान नहीं किया है, जबकि यह मिलें किसानों से तीन अरब 16 करोड़ मूल्य का गन्ना खरीद चुकी हैं। खास बात यह है कि इन तीन मिलों ने पिछले पेराई सत्र का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नए पेराई सत्र की चीनी बेचकर किया है, जिसमें भी पलिया मिल पर अभी भी पिछले वर्ष का 13.06 करोड़ रूपये गन्ना मूल्य बकाया है। 

शासन-प्रशासन की खास मेहरबानी के कारण इन मिलों ने गन्ना एक्ट के मुताबिक किसानों को गन्ना मूल्य के साथ ब्याज का भुगतान नहीं किया है, जिससे किसानों को दोहरा झटका लग रहा है। एक तो समय से भुगतान नहीं मिलता है और दूसरे गन्ना एक्ट की शर्तों के मुताबिक देर से भुगतान के साथ ब्याज नहीं दिया जा रहा है। इसका सीधा फायदा चीनी मिल मालिक उठा रहे हैं। वहीं किसानों को अपना गन्ना मूल्य भुगतान पाने के लिए कई बार धरना प्रदर्शन व आंदोलनों का सहारा लेना पड़ता है। तब जाकर उन्हें भुगतान मिल पाता है। 

चार मिलें गन्ना एक्ट के मुताबिक समय से कर रही भुगतान 
कुल नौ चीनी मिलों में से चार चीनी मिलें ही गन्ना एक्ट की शर्तों के मुताबिक किसानों को समय से 14 दिन में भुगतान कर रही हैं। डीसीएम ग्रुप की अजबापुर, बलरामपुर ग्रुप की कुंभी व गुलरिया और कोआपरेटिव की बेलरायां मिल द्वारा अभी तक 14 दिन में भुगतान किया जा रहा है, जिससे यह मिलें बकाया की श्रेणी से बाहर हैं। 

चीनी मिलवार बकाया भुगतान (लाख में) 
गोला          179.81 
पलिया         110.95
खंभारखेड़ा      125.57
ऐरा             70.70 
संपूर्णानगर       19.32 

बजाज ग्रुप की मिलें गोला, पलिया व खंभारखेड़ा समय से भुगतान नहीं कर पा रही हैं। पिछले वर्ष का बकाया भुगतान इस वर्ष कराया गया है, जिसमें अब पलिया मिल पर ही बकाया रह गया है। मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। इन मिलों की चीनी को प्रशासन की अभिरक्षा में लिया गया है और चीनी बिक्री से प्राप्त होने वाली धनराशि से किसानों को भुगतान कराया जा रहा है।-वेदप्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी 

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