पीएम मोदी की अयोध्या रैली यात्रियों के लिए बनी मुसीबत, जिले में ढूंढे नहीं मिल रहीं गाड़ियां
सरकारी गैर सरकारी सभी बसें हुई रैली के लिए सुरक्षित, रूट परिवर्तन के चलते रेल यातायात भी प्रभावित
बाराबंकी, अमृत विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या आ रहे हैं। उनकी इस रैली के दृष्टिगत परिवहन विभाग में भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए एक हजार से अधिक बसें सुरक्षित कर ली है। बच्ची खुशी बेस पुलिस विभाग ने मंगवा वाली है। ऐसे में यात्रियों की मुसीबत बढ़ गई है।
बस स्टेशन पर यात्रियों के भीड़ है लेकिन बसें नदारद है। न सिर्फ बसें बल्कि हजारों छोटी गाड़ियां भी रैली के लिए सुरक्षित करवाई गई हैं। विद्यालयों की बसें भी प्रशासन ने मंगवा ली है। परिवहन निगम की 63 बसें पुलिस ने ली हैं जिसमें 8 बस पुलिस के पास रिजर्व है।
यात्रियों की मुसीबत यह है कि अयोध्या की ओर जाने वाली लगभग डेढ़ दर्जन ट्रेनों का 15 जनवरी तक पहले से ही डायवर्जन चल रहा है। साल खत्म होने में अब सिर्फ दो दिन शेष बचे हैं। ऐसी स्थिति में लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए तीर्थ और पर्यटन स्थलों के लिए कूच कर रहे हैं। बस स्टेशन पर ऐसे यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। बस न मिलने के कारण लोग बैरंग वापस हो रहे हैं।
लखनऊ से बाराबंकी और बाराबंकी से लखनऊ प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 10 हजार से अधिक है। जिनमें से ज्यादातर लोग अनुबंधित बसों पर निर्भर है। इन्हें भी अब साधन नहीं मिल रहा है तो टेंपो चालकों की बन आई है। प्रधानमंत्री की रैली 30 को है लेकिन बसों का संकट 2 दिन पहले से ही शुरू हो गया है।
परिवहन निगम के स्टेशन अधीक्षक एके अवस्थी ने बताया कि हमारी 63 बसें ले ली गई हैं। आठ बसों को पुलिस ने रिजर्व करवा रखा है। सीमित संसाधनों के जरिए जो संभव हो पा रहा है यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निगम मुख्यालय से बसों की मांग की गई है। कल तक मिलने की उम्मीद है जिसके बाद समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।
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