लखीमपुर खीरी: 1269 राजस्व ग्रामों में रबी फसलों का होगा डिजिटल सर्वे, फसलों का आंकड़ा जुटाएंगे लेखपाल, केंद्र को भेजेंगे रिपोर्ट

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Published By Om Parkash chaubey
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45 दिन में 908 टीमें मोबाइल से फोटो खींचकर देंगे आंकड़ा

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: लेखपालों के कंधों पर एक नई जिम्मेदारी आ गई है। वह किसानों के खेतों में बोई गई फसल का आंकड़ा जुटाएंगे। गेहूं, गन्ना, लाही के साथ मोटे अनाज की खेतों में लगी फसल की फोटो खींचकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और फसलों का ब्यौरा केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके लिए 45 दिन का समय निर्धारित किया गया है।

फसलों का आंकड़ा जुटाने के लिए कृषि विभाग ने 1269 राजस्व गांवों का चयन किया है। गाटा संख्या के आधार पर इन खेतों में लगी फसल का रिकार्ड दर्ज होगा। अधिकारियों के मुताबिक, चयनित गांवों में फसलों का आंकड़ा जुटाने के लिए 908 लागिंग आईडी बनाई गई है। जिन पर लेखपाल खेतों में लगी फसल का अपने मोबाइल से फोटो खींचकर डाटा दर्ज करेंगे।

डिजिटल होने के कारण यह सभी राजस्व गांव मैप पर शो हो रहे हैं, इसलिए लेखपालों को आनलाइन डाटा भरने का टास्क इन्हीं गांवों का दिया गया है। पहले चरण में फसलों का आंकड़ा जुटाने की जिम्मेदारी लेखपालों को सौंपी गई है, लेकिन दिक्कत होने पर पंचायत सहायकों का सहयोग भी लिया जाएगा। कृषि उप निदेशक अरविंद मोहन मिश्रा ने बताया कि फसलों क आंकड़ा जुटाने का कार्य हर जिले में हो रहा है।

खीरी जिले में 45 दिन मे कार्य किया जाना है। जरूरत पड़ी तो पंचायत सहायकों की टीम लगाई जाएगी, ताकि भारत सरकार तक यह रिपोर्ट सही समय तक पहुंच सके। मौजूदा समय में प्रमुख रूप से गन्ना, लाही, गेहूं की खेती की रही है। तराई इलाके में यह परंपरागत फसलें हैं।

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