बरेली: योजना न बजट, डार्क जोन घोषित रामनगर ब्लॉक में लगा दिए 64 इंडिया मार्का हैंडपंप

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Published By Vishal Singh
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गहरे बोरिंग पर रोक होने के बाद भी भारी तादाद में ये हैंडपंप लगने से अफसरों के होश उड़े, मेरठ के ठेकेदार पर एफआईआर

अनुपम सिंह/बरेली, अमृत विचार। रामनगर ब्लॉक जहां भूगर्भ जलस्तर में लगातार गिरावट होने के कारण नए बोरिंग पर रोक है, वहां 64 इंडिया मार्का हैंडपंप लगाकर अफसरों के होश उड़ा दिए गए हैं। हालांकि यह मामला प्रतिबंध के बावजूद गहराई से पानी खींचने वाले इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने तक ही सीमित नहीं है, अफसर इसलिए और ज्यादा परेशान हैं क्योंकि ये हैंडपंप लगाने की अब न कोई योजना है, न ही बजट। हैंडपंप लगाने के लिए ग्रामीणों से ही 8600 रुपये लिए गए हैं, जबकि उसकी लागत 45 हजार से ज्यादा है। फिलहाल मेरठ के एक ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है लेकिन पूरा माजरा क्या है, यह कोई नहीं समझ पा रहा है।

जिस दौर में राज्य सरकार की योजना के तहत इंडिया मार्का हैंडपंप लगाए जाते थे, उस दौरान वे सिर्फ सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाते थे और उनकी आपूर्ति भी सरकारी तौर पर होती थी, लेकिन हाल ही में ब्लॉक के छह गांवों में लोगों के घरों में 64 हैंडपंप लगाए गए हैं। रामनगर ब्लॉक के गांव नामदारगंज में यह शुरुआत हुई थी, काफी समय से यहां लोगों के घरों में इंडिया मार्का हैंडपंप लगाए जा रहे थे। इसका पता अफसरों को लगा तो ताे वे हैरत में पड़ गए क्योंकि हैंडपंप लगाने के लिए शासन की ओर से न कोई नए निर्देश आए हैं न कोई बजट। पहले विधायक और ब्लाॅक प्रमुख की निधि से हैंडपंप लगवाए जाते थे, लेकिन अब इस पर रोक लगी है।

छानबीन की गई तो पता चला कि सिर्फ नामदारगंज में ही सात हैंडपंप नहीं लगवाए गए हैं बल्कि गांव सिगरा खानपुर में भी 13, ढिलवारी में आठ, सबसे ज्यादा 20 बरसेर में 20, बराथानपुर में चार और हाजीपुर में छह हैंडंपप लगवाए गए हैं। जिन लोगों के घरों में ये हैंडपंप लगाए गए हैं, उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने उनसे एक हैंडपंप के बदले 8600 रुपये लिए हैं जबकि बोरिंग कराकर इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने में 45 हजार से ज्यादा खर्च आ जाता है। अफसरों के निर्देश पर फिलहाल रामनगर ब्लॉक के नामदारगंज सिरौली के एडीओ पंचायत ने मेरठ के महरौली इलाके में रहने वाले ठेकेदार शिवम चौधरी के खिलाफ थाना सिरौली धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

बारिश भी बेअसर, रामनगर ब्लॉक में लगातार गिर रहा है भूगर्भ जलस्तर
रामनगर ब्लॉक के इलाकों में पानी का स्तर खतरे की हद तक नीचे पहुंच चुका है। वर्ष 2020 में यहां हुए प्री मानसून सर्वे में भूगर्भ जलस्तर 14.61 मीटर पाया गया था जो पोस्ट मानसून सर्वे में बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन और गिरकर 14.70 मीटर पर पहुंच गया। वर्ष 2021 में प्री मानसून सर्वे में जलस्तर 15.31 मीटर पर था जो पोस्ट मानसून सर्वे में बहुत मामूली सुधार के साथ 15.12 मीटर रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद के बरसों में भी जलस्तर में कोई सुधार नहीं हुआ। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस इलाके में भूगर्भ जल संकट किस हद तक खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है।

प्रधानों पर शक, मगर पुष्टि नहीं
छह गांवों में बिना अनुमति और सरकारी योजना के हैंडपंप लगाने के मामले में ठेकेदार पर एफआईआर कराने वाले एडीओ पंचायत करन सिंह के अनुसार इसमें प्रधानों की मिलीभगत हो सकती है। आशंका है कि प्रधानों ने ठेकेदार से मिलकर चहेतों के घरों में हैंडपंप लगवाए हों। मगर सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि ये हैंडपंप आए कहां से। सबसे ज्यादा शक इस बात को लेकर और गहरा रहा है कि अधिकतर हैंडपंप लोगों के घरों में लगवाए गए हैं। एडीओ पंचायत के अनुसार प्रधान ने चार नलों के रिबोर के लिए पैसा निधि से जारी करने को कहा था, मगर उन्होंने यह धनराशि जारी नहीं की थी। बताया जा रहा है कि शुरुआत में यह मामला पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह की जानकारी में आया जिसके बाद उन्होंने सीडीओ को बताया। इसके बाद सीडीओ ने बीडीओ रामनगर को जांच के आदेश दिए।

बड़ा सवाल... किसी सरकारी स्टोर से तो नहीं लाए गए पुराने हैंडपंप

गांव वालों से 5.50 लाख लिए, लेकिन अनुमानित खर्च करीब 28.80 लाख
माना जा रहा है कि इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने के लिए रामनगर ब्लॉक को इसीलिए चुना गया क्योंकि यहां जलस्तर काफी नीचे है और छोटे नलों से पानी ले पाना गांव के लोगों के लिए मुश्किल पड़ता है। इसी कारण लोग इंडिया मार्का हैंडपंप के लिए पैसे देने को तैयार हो गए। जिन 46 घरों में ये हैंडपंप लगाए गए, उनसे कुल 8600 के हिसाब से मिलाकर करीब 5.50 लाख रुपये लिए गए जबकि अनुमानित तौर पर इतने हैंडपंप लगाने पर 45 हजार के खर्च के हिसाब से करीब 28.8 लाख की रकम खर्च हुई होगी। 

इसी कारण यह बड़ा सवाल है कि ठेकेदार ने अपना पैसा फूंककर ये हैंडपंप क्यों लगवाए। एडीओ पंचायत के मुताबिक ठेकेदार ने उन्हें बताया है कि एक एनजीओ ने हैंडपंप लगवाए हैं, लेकिन इसका कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं दे पाया। शक यह भी जताया जा रहा है कि ये हैंडपंप किसी सरकारी स्टोर से तो नहीं लाए गए हैं।

रामनगर ब्लॉक में भूगर्भ जल स्तर की स्थिति बहुत खराब है, फिर भी बिना अनुमति और योजना के प्राइवेट ठेकेदार ने हैंडपंप लगाए हैं। फिलहाल एफआईआर करा दी गई है। उसने हैंडपंप क्यों और किसके कहने पर लगाए, कम पैसा लेकर ज्यादा खर्च क्यों किया, यह समझ में नहीं आ रहा है। जांच में सबकुछ स्पष्ट होगा। - जग प्रवेश, सीडीओ

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