प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा जिला बना बाराबंकी, धीरे-धीरे बढ़ रही विलुप्तप्राय गिद्धों की जनसंख्या, पक्षीप्रेमी खुश

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
On

राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर पढ़िये अमृत विचार की यह खास पेशकश  

काशीनाथ दीक्षित, दरियाबाद, बाराबंकी। राष्ट्रीय पक्षी दिवस प्रति वर्ष 5 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत देश में सन 2002 से हुई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पक्षियों की विलुप्त होती प्रजातियां को बचाने व इनके संरक्षण करना था। जिले में विलुप्त हो रहे पक्षियों की अच्छी खासी संख्या है, लेकिन इनके संरक्षण के उपाय नहीं किया जा रहे हैं।

Untitled-22 copy

अत्यधिक रासायनिक खादों, जहरीली दवाओं का खेतो में प्रयोग व जलवायु परिवर्तन, निवास स्थान की कमी, वनों की अधाधुंध कटाई और जीवन पर विनाशकारी प्रभाव डालने वाले अन्य कारक कई पक्षियों को खतरे में डाल रहे हैं। तीन दशक पूर्व देश प्रदेश में गिद्धों की अनगिनत संख्या होती थी। जो हमारे प्राकृतिक, कृषि और ग्रामीण वातावरण में महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करते थे।

Untitled-20 copy

पर्यावरण से जैविक कचरे को अत्यधिक कुशलता से निपटाने के माध्यम से पोषक तत्वों के चक्रण में  गिद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। वह मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय अखंडता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं, लेकिन इनकी संख्या में लगातार कमी होने पर प्रदेश सरकार द्वारा इनके संरक्षण को लेकर लोगो को जागरूक किया जा रहा है व तराई क्षेत्र में कतरनिया घाट, सोहेलवा जंगल, श्रावस्ती बलरामपुर आदि क्षेत्रों में इनकी संख्या में धीरे धीरे बढ़ रही है।

Untitled-21 copy

मौजूदा समय में यह गिनती मात्र के दिखते है। हमारे घर आंगन में चू चू करती गौरैया का अस्तित्व जिले में विद्यमान है । ग्रामीण क्षेत्रों में  पक्के भवनों का निर्माण होने से इनके ठिकानों में आई कमी इस प्रजाति की घटती संख्या का मुख्य कारण लोग मान रहे है।

बर्ड वाचर अतुल सिंह चौहान बताते है कि 2023 की गणना के अनुसार स्थानीय एवं प्रवासी पक्षी मिलाकर 1377 प्रजातियां हैं। प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थान उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला है। यहां की झीलों पर व दरियाबाद क्षेत्र की सराही झील पर प्रति वर्ष दर्जनों की संख्या में जिले में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। प्रजन्न के बाद यह पक्षी वापस लौट जाते हैं।लेकिन इनकी संख्या में कमी आ रही है।

यह भी पढ़ें: हरदोई: प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर जिले के 10 फार्मासिस्टों की लगाई गई ड्यूटी, यह रहे नाम...

संबंधित समाचार