लखनऊ: फार्मासिस्टों को मिले दवा लिखने का अधिकार तो ना हो किसी ग्रामीण मरीज को कोई नुकसान!
9 जनवरी को फार्मासिस्ट मनाएंगे फेडरेशन फार्मासिस्ट अधिकार दिवस
लखनऊ, अमृत विचार। कई साल से उत्तर प्रदेश के फार्मासिस्ट प्राथमिक उपचार का प्रिस्क्रिप्शन राइट मांग रहे हैं, यानी की फार्मासिस्ट मरीज को दवा लिखने का अधिकार चाहते हैं, लेकिन यह अधिकार उनको आज तक नहीं मिला है। जबकि सरकारी सेवा में तैनात फार्मासिस्टों के ड्यूटी लिस्ट में साफ तौर पर लिखा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर की अनुपस्थिति में उन्हें (फार्मासिस्ट) डॉक्टर के काम करने होंगे।
यह कहना है फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव का। उन्होंने बताया है कि फार्मासिस्ट की इन मांगों को लेकर 9 जनवरी को फेडरेशन फार्मासिस्ट अधिकार दिवस मनाएगा। सभी जनपदों में यह कार्यक्रम किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि आज भी बहुत से मरीजों को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को बीमार होने पर अप्रशिक्षित लोग दवा दे रहे हैं। जिससे मरीज को गंभीर नुकसान हो रहा है एंटीबायोटिक दावों का असर खत्म हो रहा है लेकिन यदि फार्मासिस्टों को प्राथमिक उपचार का यानी की दवा लिखने का अधिकार मिल जाए तो बहुत से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी होने वाले गंभीर समस्याओं से बचाया जा सकता है।
फार्माकोलॉजी का अध्ययन करते हैं फार्मासिस्ट
उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में आंगनबाड़ी और आशा बहू को नेशनल प्रोग्राम के तहत दवा बांटने का अधिकार है लेकिन फार्मासिस्ट को अधिकार नहीं मिला है। मौजूदा समय में निजी क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख फार्मासिस्ट हैं। यह सभी फार्मेसिस्ट फार्माकोलॉजी का अध्ययन करते हैं। इनकी पढ़ाई में यह शामिल होता है, डॉक्टर भी फार्मोकोलॉजी पढ़कर ही दवा लिखते हैं। ऐसे में फार्मासिस्टों को दवा लिखने का अधिकार मिलना चाहिए। देश के कुछ प्रदेशों में यह व्यवस्था पहले से मौजूद है।
फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव और महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि फार्मेसिस्टों की योग्यता के अनुसार कुछ अन्य राज्यों की भांति उत्तर प्रदेश में भी कुछ दवाएं लिखने का अधिकार दिया जाना उचित है, कई विकसित देशों में भी ऐसा प्राविधान किया गया है ।

इससे गांवों में जहां योग्य चिकित्सकों का अभाव हैं, वहां मरीजों की प्राथमिक चिकित्सा कर सही सलाह दी जा सकेगी और दवाओं के कुप्रभाव, रोगों की विकरालता को रोककर जनहानि को रोका जा सकता है क्योंकि फार्मेसिस्टों को क्रूड ड्रग, शरीर क्रिया विज्ञान, फार्माकोलॉजी, विष विज्ञान, माइक्रोबायोलॉजी सहित फार्मास्युटिक्स, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री, हेल्थ एजुकेशन सहित विभिन्न विषयों का विस्तृत अध्ययन फार्मेसिस्ट को कराया जाता है। औषधि की खोज से लेकर, उसके निर्माण,भंडारण, प्रयोग, कुप्रभाव, दवा को ग्रहण करने, उसके पाचन, प्रभाव और उत्सर्जन (ADME) की पूरी जानकारी फार्मेसिस्ट को होती है।
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