Kanpur: डिप्टी CM का आदेश ठेंगे पर… सरकारी अस्पताल के हाल खराब, उर्सला में इलाज न मिलने पर नवजात की मौत
कानपुर के उर्सला अस्पताल में इलाज न मिलने पर नवजात की मौत।
कानपुर के उर्सला अस्पताल में इलाज न मिलने पर नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की डॉक्टर व स्टाफ की शिकायत की। डॉक्टर पर ढ़ाई माह के बच्चे को वेंटिलेटर से हटाने का आरोप।
कानपुर, अमृत विचार। ठंड की चपेट में आए एक ढ़ाई माह के बच्चे की छह जनवरी की रात को उर्सला अस्पताल में मौत हो गई। आरोप है कि डॉक्टर ने बच्चे को वेटिलेंटर से हटाया, जिसके बाद उसकी हालत खराब हुई। तबीयत खराब होने पर जब डॉक्टर व स्टाफ को बुलाने गए तो वह नहीं आए। जब बच्चे की ज्यादा तबीयत खराब हुई तो बोले कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है उसे हैलट ले जाओ। उर्सला में इलाज की बात बोलने पर एक कागज में हस्ताक्षकर कराए, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई।
जरीब चौकी स्थित तेजाब मिल कैंपस निवासी अमन शर्मा प्राइवेट कर्मी हैं। बताया कि पत्नी पूनम ने 14 अक्टूबर 2023 को डफरिन अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था, जिसका नाम त्रियांश रखा था। बेटे को ठंड लगने की वजह से उसका शरीर जकड़ गया था। पहले पास के डॉक्टर को दिखाया, जब आराम नहीं मिला तो पांच जनवरी को उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां पर डॉक्टर ने बेटे को वेंटिलेटर में रखा था।
रात को यहां पर बच्चे का अच्छी तरह से इलाज होने पर उसकी स्थिति पहले से कुछ अच्छी होने लगी थी। लेकिन छह जनवरी की सुबह जब दूसरा स्टॉफ आया तो उसने बच्चे की जिंदगी ले ली। आरोप है कि यहां पर मौजूद एक डॉक्टर ने बच्चे को वेंटिलेटर से हटा दिया, जिसके बाद उसकी हालत खराब होने लगी। इसकी जानकारी डॉक्टर व स्टॉफ नर्स को दी, लेकिन वह कुर्सी से उठकर बच्चे को देखने नहीं आए।
बच्चे को जब सांस लेने में कठिनाई होने लगी तो डॉक्टर से दोबारा देखने को बोला, तब वह आए बोले कि बच्चे को हैलट ले जाओ। यहां पर ऑक्सीजन नहीं है। उर्सला में ही इलाज की बात बोलने पर डॉक्टर ने एक सादे कागज में हस्ताक्षर कराए, जिसके बाद इलाज शुरू किया गया। इलाज के अभाव और डॉक्टर व स्टॉफ की लापरवाही की वजह से रात करीब आठ बजे के बाद बच्चे की मौत हो गई।
पीड़ित ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल में की। उर्सला के सीएमएस डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि मामले के संबंध में अभी कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है। शिकायती पत्र मिलने के बाद मामले की जांच कर संबंधित डॉक्टर या स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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