पारस्परिक स्थानांतरण के लिए याचियों के आवेदन पर नहीं किया जा रहा था विचार तो हाईकोर्ट ने दिया यह बड़ा आदेश!

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Published By Sachin Sharma
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पारस्परिक स्थानांतरण के एक मामले में कहा कि अगर कोई वैधानिक बाधा ना हो तो म्युचुअल ट्रांसफर (पारस्परिक स्थानांतरण) के लिए याचियों की प्रार्थना पर विचार किया जा सकता है तथा 2 जून 2023 की स्थानांतरण नीति से संबंधित परिपत्रों के आधार पर म्युचुअल ट्रांसफर के लिए आगे की कार्यवाही निश्चित अवधि के भीतर संपन्न की जाए।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने अर्चना श्रीवास्तव व 9 अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया। याचियों के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पारस्परिक स्थानांतरण के लिए याचियों के आवेदन पर विचार नहीं किया जा रहा है और प्रक्रिया में देरी हो रही है।

हालांकि अधिवक्ता ने सचिव, यूपी बेसिक शिक्षा बोर्ड, प्रयागराज द्वारा सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को संबोधित एक पत्र भी कोर्ट में प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया है कि पारस्परिक स्थानांतरण के आधार पर शिक्षकों को कार्यमुक्त करने की प्रक्रिया 11 जनवरी 2024 से 13 जनवरी 2024 के बीच यानी अवकाश के दौरान आयोजित की जाएगी। याचियों के मामले पर भी उपरोक्त अवधि के दौरान विचार किया जाना चाहिए। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने यह आश्वासन दिया कि याचियों के मामले पर उपरोक्त संदर्भित परिपत्र के अनुसार विचार किया जाएगा।

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