कासगंज: अराजक तत्व थे कारसेवक, गोलियां चलाने का निर्णय सही- स्वामी प्रसाद मौर्य
सपा महासचिव का विवादित और बेतुका बयान, संतों में आक्रोश
कासगंज, अमृत विचार: आए दिन अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर बेतुका बयान दे गए। उन्होंने कासगंज में कार्यक्रम के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा नेता एसपी सिंह बघेल को घेरते हुए भाजपा पर निशाना साधा। वही अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बड़ा विवादित बयान दिया।
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद ढांचा के दौरान कारसेवकों पर गोलियां चलाने का तत्कालीन सरकार का सही निर्णय था। उस समय अराजक तत्व शांति व्यवस्था भंग कर रहे थे। सपा महासचिव के इस बयान को लेकर देश भर के साधु संतों में आक्रोश फैल गया है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के साधु संतों ने स्वामी प्रसाद मौर्य को मानसिक दिवालिया घोषित बताते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहां कि अराजक तत्त्वों द्वारा बिना किसी न्याय पालिका और प्रशासन के आदेश के जो अयोध्या में तोड़ फोड़ की थी। तब तत्कालीन सरकार ने कानून की रक्षा, संविधान की रक्षा , और अमन चैन कायम रखने के लिए गोली चलवाई थी। कहा कि राम मंदिर का निर्माण देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश पर हो रहा है न कि भाजपा के आदेश पर। सपा महासचिव के इस बयान को लेकर देश भर के साधु संतों में आक्रोश बना हुआ है। साधु संतों ने उन्हें मानसिक रूप से दिवालिया बताया है।
क्या बोले साधु संत
मेरा मानना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही एक मूर्ति उनकी भी लगवाई जाए जिन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। भगवान श्री राम के दर्शन करने के बाद जो व्यक्ति वहां से लौटे तो वह उस मूर्ति में चार जूते मारे। जैसा मक्का मदीना में होता है---गौरव कुमार, पुरोहित बद्रीनाथ धाम।
स्वामी प्रसाद मौर्य मानसिक रूप से दिवालिया है। वह सुर्खियों में छाए रहने के लिए आए देने ऐसे बयान देते हैं। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार कार्रवाई करें न करे, लेकिन ईश्वर उनको जल्द ही सजा देगा---आशुतोष आनंद महाराज, महामंडलेश्वर काशी विश्वनाथ धाम।
सनातन धर्म पर आए दिन टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। वह कई बार सनातन धर्म पर टिप्पणी कर चुके हैं। उन्हें किसी भी हाल में सरकार माफ न करे यही पुरोहितों की मांग है--- विद्यानंद महाराज, सोरोंजी।
स्वामी प्रसाद मौर्य जहां भी जाते हैं अपना एक विवादित बयान देकर स्वयं को बड़ा नेता साबित करने की कोशिश करते हैं। उनकी कोई पहचान नहीं है। उनकी न कोई सुनता है न उन्हें कोई जानता है। बस विवादों में रहना उनका काम है---प्रकाश दास महाराज, सोरोंजी।
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