Fatehpur: हिचकोले खाती खटारा बसें बीच सफर में हो जाती खराब, बनी यात्रियों के लिए खतरनाक.. जिम्मेदारों ने ये कहा... जानें...

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Published By Nitesh Mishra
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फतेहपुर में हिचकोले खाती खटारा बसें परिवहन विभाग द्वारा चलाई जा रही हैं।

फतेहपुर में 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी सरकारी बसों से यात्रियों का आवागमन कराया जा रहा है। इसके बावजूद जिम्मेंदारो द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

फतेहपुर, अमृत विचार। 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी सरकारी बसों से यात्रियों का आवागमन कराया जा रहा है। इसके बावजूद जिम्मेंदारो द्वारा इस ओर ध्यान न दिए जाने के कारण कभी भी बसों के हादसे का शिकार होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। 

इसके बावजूद खटारा बसों के संचालन पर विराम लगता नहीं दिखाई दे रहा है। परिवहन विभाग द्वारा 15 साल पुराने हो चुके वाहनों को सरेंडर कराए जाने के आदेशों के बावजूद निश्चित आयु पूरी करने वाली सरकारी बसों का संचालन कराया जा रहा है। 

पुराने वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण के चलते ऐसी बसों को स्क्रैप कराए जाने को अनिवार्यता प्रदान की गई थी। वहीं रजिस्ट्रेशन को भी रद्द किए जाने के फरमान नौ माह पूर्व सुनाए गए थे। इसके बावजूद न तो इस ओर रोडवेज प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है न ही परिवहन विभाग द्वारा जिससे निश्चित आयु को पूरी करने के बावजूद सरकारी बसे फर्राटा भर रही है। 

बता दें, रोडवेज के बेड़े में कुछ ऐसी बसें शामिल है जो 15 वर्ष पूरे किए जाने के बाद भी सड़कों पर दौड़ने के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसके बावजूद खटारा बसों के संचालन पर विभाग की तरफ से कोई रोक लगती नहीं दिखाई दे रही है।

सभी बसों की बॉडी की कंडीशन बेहतर है, यदा-कदा तकनीकी खराबी आने पर उसे तत्काल दुरुस्त करवाया जाता है। अधिक पुरानी बसों को सरेंडर कर स्क्रैप के लिए भेजा जा चुका है। जल्द ही आयु पूरी करने वाली बसों को भी सरेंडर करवाए जाने की प्रक्रिया अफसरों के निर्देशानुसार शुरू कराई जाएगी।       -विपिन कुमार अग्रवाल, एआरएम

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