धनघटा के लोगों को मिली रोडवेज बस की सौगात, हैंसर बाजार से खलीलाबाद और गोरखपुर की यात्रा होगी आसान
धनघटा/ संतकबीरनगर, अमृत विचार। नगरपंचायत हैंसरबाजार-धनघटा के चेयरमैन प्रतिनिधि नीलमणि ने धनघटा क्षेत्र की जनता को शनिवार की सुबह रोडवेज बस की सौगात दी है। क्षेत्र के नागरिकों को पढ़ाई, रोजगार, ब्यापार, नौकरी और उपचार के लिए प्रतिदिन गोरखपुर की यात्रा करनी पड़ती है। आवागमन का कोई सीधा विकल्प नहीं होने से लोगों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता था। जनता की दिक्कतों को देख चेयरमैन प्रतिनिधि ने बीते दिनों लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मुलाकात कर हैंसर बाजार से गोरखपुर आवागमन के लिए रोडवेज बस की मांग किया था। जिस पर विचार करते हुए परिवहन मंत्री ने स्वीकृति प्रदान करते हुए तत्काल बस उपलब्ध कराइ है।
शनिवार को स्थानीय व्यापारियों, सभासदों और अन्य प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ नगर पंचायत अध्यक्ष रिंकू मणि और चेयरमैन प्रतिनिधि नीलमणि ने हरी झंडी दिखाकर बस को गोरखपुर के लिए रवाना किया। इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि लक्ष्मी नारायण दूबे, भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष बब्बन शर्मा, जिला महामंत्री गणेश पाण्डेय, जिला मंत्री अशोक कुमार उर्फ साधू यादव, सभासद सीमा चौहान, श्रीकांत, प्रदीप अग्रहरि समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
सुबह 8 बजे हैंसरबाजार से चलकर 10.30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी बस
चेयरमैन प्रतिनिधि नीलमणि ने बताया कि शनिवार को हैंसरबाजार से शुरू हुई बस्ती डिपो की रोडवेज बस सेवा प्रतिदिन एक चक्कर गोरखपुर का आवागमन करेगी। यह बस हैंसरबाजार से धनघटा होते हुए सुबह 9 बजे जनपद मुख्यालय खलीलाबाद पहुंचेगी। यहां 10 मिनट के स्टापेज के बाद यह बस सहजनवा होते हुए 10.30 बजे रोडवेज स्टेशन गोरखपुर पहुंचेगी।
वहां से दोपहर 12 बजे बस्ती के लिए रवाना होगी और 3 बजे बस्ती पहुंचेगी। 1 घंटे स्टापेज के बाद सायं 4 बजे बस्ती से चलेगी और 5 बजे मेंहदावल बाईपास खलीलाबाद आएगी। यहां 10 मिनट के स्टापेज के बाद बस खलीलाबाद बाईपास से धनघटा होते हुए शाम 6.10 बजे हैंसर बाजार पहुंचेगी।
कहां का कितना लगेगा किराया
रोडवेज बस के परिचालक ने बताया कि हैंसर बाजार से गोरखपुर का किराया 96 रुपया लगेगा। हैंसर बाजार से खलीलाबाद का किराया 45 रुपया। जबकि खलीलाबाद से धनघटा का किराया 39 रुपया लगेगा।
ये भी पढ़ें -UP में सरकार आपके द्वार, अब तक 72 हजार से अधिक ग्राम चौपालों का किया गया आयोजन
