बरेली: अयोध्या में पतंग महोत्सव से दोगुनी हुई बिक्री, दुकानदार बोले- भगवा रंग की ज्यादा की जा रहीं पसंद

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: अयोध्या में पतंग महोत्सव के चलते पतंगों की बिक्री दोगुनी हो गई है। मकर संक्रांति की वजह से भी पतंगों की मांग बढ़ गई है। इससे दुकानदारों के चेहरे खिल उठे हैं। उनका कहना है कि आमदिनों में बिक्री सामान्य रहती है, मगर इस वक्त मांग अधिक है। लोग घरों को सजाने के लिए भी पतंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भगवा रंग की पतंग ज्यादा पसंद की जा रही है।

22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पतंग महोत्सव भी आयोजित हो रहा है। बरेली से भी पतंगों की खरीदारी की जा रही है। इसलिए भी पतंगों की मांग बढ़ी है। करीब दस हजार परिवार पतंग और माझा बनाने का काम करते हैं।

शहर में लगभग 150 दुकानें पतंगों की हैं, जहां से थोक और फुटकर पतंगों की बिक्री होती है। दुकानदारों के अनुसार यहां से महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश,पंजाब आदि प्रांतों में पतंगों की सप्लाई होती है। कागज के साथ पन्नी की भी पतंगें तैयार कर बेची जा रही हैं। मांझे की अलग-अलग वैरायटी हैं।

इन स्थानों पर हो रहा पतंग बनाने का काम
स्वालेनगर, बाकरगंज, रेती, जकीरा,जसौली, किला छावनी आदि स्थानों पर रहने वाले परिवार पतंग बनाने काम कर रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार पतंग एक से लेकर ढाई सौ रुपये तक की उपलब्ध है। मांझे की सादा चरखी 50 तो सजावटी चरखी 360 से 800 रुपये तक की है। पतंग बनाने का कच्चा माल तमिलनाडु के मदुरै और पंजाब के होशियारपुर से आता है।

गुजरात से भी पतंगों की मांग
सराय गली में पतंगों के थोक विक्रेता इनाम अली ने बताया कि शहर में रक्षा बंधन पर अधिक पतंग की खरीदारी होती है। जबकि अन्य राज्यों में यहां से बड़ी संख्या में पतंगों की सप्लाई होती है। इस समय गुजरात में मकर संक्रांति की वजह से मांग ज्यादा है, उसके बाद राजस्थान में पतंग उत्सव मनाया जाएगा, फिर वहां सप्लाई होगी। महाराष्ट्र में भी पतंगों से जुड़े कई उत्सव होते हैं। वहां से भी आर्डर आते हैं।

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