Kanpur News: मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर का शुरू हुआ काम, दो साल में बनकर होगा तैयार, यहां से निकलेगा रूट

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर का शुरू हुआ काम।

कानपुर में मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर का काम शुरू हो गया। आठ स्टेशन बनेंगे, यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए खोदाई कर समस्याएं देखी जा रहीं। दो साल में बनकर सीएसए तैयार होगा।

कानपुर, अमृत विचार। मेट्रो के पहले कॉरिडोर (आईआईटी से नौबस्ता) का काम अंतिम छोर पर पहुंच रहा है, इसे देखते हुए अब दूसरे कॉरिडोर (सीएसए से बर्रा-आठ) का काम  शुरू कर दिया गया है।

यूपीएमआरसी से जुड़ी कंपनी पुलेरमैक और कल्पतरु इंडिया ने स्वाइल टेस्टिंग (मृदा परीक्षण) के लिए कंपनी बाग में सीएसए कृषि विश्वविद्यालय और विजयनगर चौराहे के पास खोदाई की है। इस रूट पर बनने वाले आठ स्टेशनों पर भी ट्रेंचिंग का काम शुरू हो गया है। दूसरा कॉरिडोर दो साल में तैयार करने का लक्ष्य है। 

मेट्रो से जुड़ी एसवीबी इलेक्ट्रो कंपनी ने काकादेव के पास 2.5 मीटर खोदाई कर समस्याएं देखी हैं। इसके बाद यूटिलिटी शिफ्टिंग की ड्राइंग बनाई जाएगी। कंपनी के सुपरवाइजर मो. जैद ने बताया कि ट्रेंचिंग कार्य के लिए काकादेव में 2.5 मीटर गहरी खोदाई की है। यहां पाइप लाइन मिली है। दूसरे स्टेशनों के पास भी खोदाई होगी।

इसके बाद यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए ड्राइंग बनेगी। दूसरे कॉरिडोर में मेट्रो के पिलर कहां-कहां बनने हैं यह चयनित हो चुका है। इस रूट पर सीएसए कृषि विश्वविद्यालय, कंपनीबाग से बर्रा आठ तक कुल आठ स्टेशन बनेंगे।

सीएसए में स्टेशन एलिवेटेड होगा, रावतपुर, काकादेव और डबल पुलिया भूमिगत स्टेशन बनेंगे। तीनों भूमिगत स्टेशनों के निर्माण के लिए चयनित कंपनियां  मिट्टी का परीक्षण कर रही हैं। इसके बाद पायलिंग का काम शुरू होगा। मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर 8.6 किलोमीटर लंबा है। इस रूट पर पांच एलिवेटेड और तीन भूमिगत स्टेशन हैं। पूरी परियोजजना पर 2500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।    

मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर के लिए मृदा परीक्षण और स्टेशनों में ट्रेंचिंग का काम कंपनियों ने शुरू कर दिया है। पहले भूमिगत स्टेशन का काम होगा। पिलर कहां-कहां लगने हैं यह चयनित हो चुका है। इसके लिए ही पायलिंग होती है।- पंचानन मिश्रा, उप महाप्रबंधक जनसंपर्क, (यूपीएमआरसी)

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