औपचारिकताएं पूरी करने मात्र से मान्यता प्राप्त नहीं होती- इलाहाबाद हाईकोर्ट

Amrit Vichar Network
Published By Ravi Shankar Gupta
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अमृत विचार लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मान्यता संबंधी एक मामले में कहा कि केवल मान्यता के लिए औपचारिकताएं पूरी करना ही यह मानने के लिए पर्याप्त नहीं होगा कि संस्थान को मान्यता प्राप्त है। मान्यता की प्रक्रिया के लिए कुछ औपचारिकताओं की आवश्यकता होती है, जैसे संस्थान का निरीक्षण आदि। उनकी पूर्ति हो जाने मात्र से संस्थान यह दावा नहीं कर सकता है कि उसे मान्यता प्राप्त हो चुकी है। मौजूदा मामले में किसी भी ऐसे दस्तावेज को रिकॉर्ड पर नहीं रखा गया है, जिससे यह सिद्ध हो कि संदर्भित संस्थान को कानून के प्रावधानों के तहत मान्यता दी गई है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने रविंद्र प्रताप यादव और छह अन्य की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया है। मालूम हो कि पत्राचार बीटीसी पाठ्यक्रम एक मान्यता प्राप्त और नियमित संस्थान से होना चाहिए, जबकि वर्तमान मामले में याचियों ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, 1993 की धारा 14(1) के तहत संचालित महर्षि भारद्वाज अखिल भारतीय राष्ट्रभाषा विज्ञान शिक्षा संस्थान, शाहजहाँपुर से शिक्षा विज्ञान भूषण का पत्राचार पाठ्यक्रम उत्तीर्ण किया है, जो मान्यता प्राप्त संस्थान नहीं है और रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री भी नहीं लाई गई, जिससे यह सिद्ध होता हो कि "शिक्षा विज्ञान भूषण" की डिग्री "बीटीसी" डिग्री के बराबर है, इसलिए उक्त गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान से याची की पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षा विज्ञान भूषण की डिग्री को बीटीसी पाठ्यक्रम के रूप में मान्यता देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

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