Kanpur में केस्को टेस्ट की लापरवाही आई सामने... तीन माह नहीं की जांच, फुंक गया ट्रांसफार्मर, बिजली जाने से लोग परेशान
कानपुर में केस्को टेस्ट की लापरवाही सामने आई।
कानपुर में केस्को टेस्ट की लापरवाही सामने आई। तीन माह से एक ट्रांसफार्मर की जांच नहीं की गई। इस वजह से पहले क्षेत्र के लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ा।
कानपुर, अमृत विचार। केस्को की टीम बिजली व्यवस्था दुरुस्त रखने में कितनी सक्रिय है, इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि तीन माह से एक ट्रांसफार्मर की जांच नहीं की गई। इस वजह से पहले क्षेत्र के लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ा और उसके बाद जांच के अभाव में पॉवर ट्रांसफार्मर फुंक गया, जिससे केस्को को करीब 2.50 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
ग्वालटोली सबस्टेशनों के फीडर से जुड़े क्षेत्रों में करीब दो सप्ताह पहले पांच-पांच घंटे तक बिजली कटौती हो रही थी, जिनमें ग्वालटोली, जीवन ज्योति, सूटरगंज व नवाबी चार फीडर से जुड़े 28 ट्रांसफार्मरों की आपूर्ति बाधित हो रही थी। तभी ग्वालटोली सबस्टेशन का 10 एमवीए पॉवर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गया।
बिजली की परेशानी रोज झेल रहे लोगों ने मामले की शिकायत केस्को के प्रबंध निदेशक कार्यालय में की तो प्रबंध निदेशक सैमुअल पॉल एन ने जांच के लिए टीम गठित की। टीम ने जले हुए ट्रांसफार्मर की पड़ताल की, जिसमें प्रथम दृष्टया स्पष्ट हुआ कि केस्को की टेस्ट टीम के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से 10 एमवीए पावर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुआ। केस्को की टेस्ट टीम ने तीन माह से पॉवर ट्रांसफार्मर की जांच तक नहीं की थी, जांच नहीं होने की वजह से 2.50 करोड़ रुपये का पावर ट्रांसफार्मर पांच साल में ही क्षतिग्रस्त हो गया।
इसके बाद ग्वालटोली क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी, जिसे पहले वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बहाल किया। उसके बाद 10 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर लगाया गया है। केस्को मीडिया प्रभारी श्रीकांत रंगीला के मुताबिक क्षतिग्रस्त हुए ट्रांसफार्मर की जगह दूसरा ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है। जांच के बाद लापरवाही बरतने वाली टीम के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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