प्रयागराज ने देश को दिये सात प्रधानमंत्री, संगम नगरी से रहा इन नेताओं का अनोखा रिश्ता

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। प्रयागराज को प्रधानमंत्रियों का शहर कहा जाता है। क्योंकि एक दो नहीं बल्कि देश के सात-सात प्रधानमंत्रियों का इस शहर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से खासा जुढ़ाव रहा है। उत्तर प्रदेश के पावन धरती संगम नगरी ने देश चलाने के लिए सात साम्मनित नागरिकों को देश को संभालने और सत्ता को चलाने  के लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने का काम किया है।
 
कभी पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला यह प्रयागराज कभी इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था। इस जिले की खासियत यह रही है कि  देश की राजनीति में प्रयागराज का अहम योगदान रहा है। जिले से भारत को एक-दो नहीं, बल्कि सात-सात प्रधानमंत्रियों को उस कुर्सी तक पहुंचाया है जो देश की कमान को संभाल चुके हैं। आज प्रयागराज को इसलिये प्रधानमंत्रियों के शहर भी कहा जाता है। 

उत्तर प्रदेश मे विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का यहां पर सबकी निगाहें टिकी होती है। क्योंकि यह जिला सभी के लिए हर चुनाव में महत्वपूर्ण है। अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों का संगम से पुराना नाता रहा है।

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बता दें कि पंडित जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे। इनकी और इंदिरा गांधी की जन्मस्थली प्रयागराज ही रही है। नेहरू का पूरा परिवार इसी शहर का है। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल हुये। इसके आलावा लाल बहादुर शास्त्री इसी शहर से दो बार सांसद चुने गये। इसी जिले में रहकर विश्वनाथ प्रताप चहलल(वी पी सिंह) और चंद्रशेखर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की।

यही से अपनी ‘राजनीति' के पहले पायदान पर कदम रखा। एक खास बात और भी है। पंडित नेहरू रहे हो या पीएम की कुर्सी पर  7 महीने कार्यकाल संभालने वाले चंद्रशेखर या फिर  कार्यवाहक पीएम का नाम ले तो गुलजारी लाल नंदा इन सभी की राजनीतिज्ञ शुरुआत भी इसी प्रयागराज इस ही हुई।  

देश के वो सात गौरवशाली प्रधानमंत्री 

1-पंडित जवाहर लाल नेहरू 
पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 1889 में इलाहाबाद में हुआ था।  नेहरू परिवार की विरासत आज भी आनंद भवन के नाम से जीवंत है। प्रधानमंत्री बनने के दौरान वह इसी इलाहाबाद की फूलपुर संसदीय सीट के ही सांसद चुने गये थे। इस सीट पर पंडित नेहरू ने तीन बार अपना परचम लहराया था। नेहरु 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 देश के प्रधानमंत्री रहे। 

2-लाल बहादुर शास्त्री 
लाल बहादुर शास्त्री 1957 और 1962 में इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराई थी। 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान इलाहाबाद की प्रमुख सीट करछना विधानसभा के उरुवा ब्लॉक में एक जनसभा में उन्होंने पहली बार ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। जो आज सभी की जुबान पर है। लाल बहादुर शास्त्री 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालते हुए देश की सत्ता को चलाया। 

3-इंदिरा गांधी  

इंदिरा गांधी पंडित जवाहर लाल नेहरु की पुत्री थी। इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को हुआ था। उन्होंने इकोले नौवेल्ले, बेक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनेल, जिनेवा, पूना और बंबई में स्थित प्यूपिल्स ओन स्कूल, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांति निकेतन और समरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों इस अपनी शिक्षा ग्रहण की। 

उन्हें तमाम सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया था। शैक्षिक पृष्ठभूमि बेहतर होने के कारण उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विशेष योग्यता प्रमाण भी दिया गया। उन्होंने ही बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की थी। सितम्बर 1942 में उन्हें जेल भी भेजा गया था। 26 मार्च 1942 को उन्होंने फ़िरोज़ गांधी से आनंद भवन में विवाह किया था। 1955 में इंदिरा को कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनाया गया। 

1959 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं। इसके बाद वह 1966-1964 तक सूचना और प्रसारण मंत्री बनीं। इसके बाद जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का प्रभार, जून 1970 से  ल्नवंबर 1973 तक गृह मंत्रालय, जून 1972 से मार्च 1977 तक अंतरिक्ष मंत्रालय का प्रभार संभाला। जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्ष बनने के बाद वह 14 जनवरी 1980 में फिर से प्रधानमंत्री बनीं।

4- राजीव गांधी  
इंदिरा गांधी की अचानक से मौत होने के बाद प्रधानमंत्री का पद राजीव गांधी को दिया गया। उनका भी प्रयागराज शहर इस गहरा नाता रहा है।  उन्होने अपने मित्र और बॉलीवुड नामी कलाकार अमिताभ बच्चन को इसी शहर से चुनावी मैदान में खड़ा किया था। 

5-गुलजारी लाल नंदा
 गुलजारी लाल नंदा ने दो बार देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पदभार  संभाला है। गुलजारीलाल नंदा का इलाहाबाद से पुराना नाता रहा है। उन्होंने अपनी शिक्षा इलाहाबाद से ही पूरी की थी। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर और कानून की पढ़ाई पूरी की थी।  

6-विश्वनाथ प्रताप सिंह  
विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के छ्ठवें प्रधानमंत्री रहे। विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म भी इसी इलाहाबाद में हुआ था। भारत में पिछड़ी जातियों को हक दिलाने के लिए वह हमेशा आगे रहते थे। इसलिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। वीपी सिंह ने भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ही उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी चुने गये थे। 

7- चंद्रशेखर
चंद्रशेखर देश के सातवें प्रधानमंत्री रहे। उनका राजनीति में इलाहाबाद से महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई की। चंद्रशेखर ने राजनीति का ककहरा इसी शहर प्रयागराज में रहकर सीखा था।

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