अंबेडकरनगर: गायब किशोरी का शव एक महीने बाद तालाब में उतराता मिला, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, video

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Published By Sachin Sharma
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अंबेडकरनगर। घर से गायब किशोरी का शव एक महीने बाद सोमवार को पड़ोसी जनपद आजमगढ़ बॉर्डर पर एक तालाब में मिला। मामले की जानकारी तब हुई जब खेत की सिंचाई कर रहे किसान ने तालाब में उतराता हुआ शव देखा। किशोरी का हाथ-पांव रस्सी से बंधा था और शरीर में पत्थर बांधकर पानी में फेंका गया था। किशोरी की पहचान राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के समडीह गांव निवासिनी निधि (16 वर्ष) पुत्री अनिल कुमार के रूप में हुई। 

बता दें कि बीते 29 दिसंबर को निधि रात में घर से गायब हो गई थी। जिसकी तलाश में परिजन दर-दर भटक रहे थे। पिता अनिल कुमार ने बताया कि वह रोजगार के सिलसिले में गाजीपुर में रहते हैं और 30 दिसंबर को घर आए इसके बाद शक के आधार पर पड़ोसी दुर्गेश पुत्र चंदीश्वर के संबंध में जानकारी पुलिस टीम को दिया, जो इससे पहले भी घर में एक दो बार घुस चुका था। पुलिस ने जब आरोपी युवक को बुलाकर पूछताछ किया तो आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्ता से इन्कार कर दिया। मृतका के पिता अनिल ने बताया कि जब बेटी गायब हुई तो आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक किया गया, जिसमें साफ देखा गया कि एक दिन पहले 28 दिसंबर को निधि बाइक से जाती दिख रही है।

28 दिसंबर को घर से स्कूल के लिए निकली निधि स्कूल ना जाकर गोविंद साहब मेला देखने चली गई। इस मामले में जब स्कूल का रजिस्टर चेक किया गया तो पता चला कि वह स्कूल नहीं आई थी। बताया जाता है कि जिस दिन से निधि गायब हुई थी उसी दिन से आरोपी दुर्गेश की बाइक भी नहीं दिख रही थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिख रही बाइक के बारे में जब पड़ताल किया तो बाइक चोरी की निकली। जिसे आजमगढ़ जनपद के अतरौलिया थाना क्षेत्र के धरहरा गांव से 6 महीने पहले चुराया गया था। पूछताछ में आरोपी ने जब कुछ नहीं बताया तो पुलिस ने आरोपी युवक को बाइक चोरी के मामले में जेल भेज दिया।

आरोपी दुर्गेश से बात करती थी छात्रा

मृतका के पिता अनिल ने बताया कि निधि 11वीं में पढ़ती थी। बेटी से गांव का ही दुर्गेश बातचीत करता था, जो 1 वर्ष पूर्व भी घर में घुस आया था और पकड़े जाने पर उसकी पिटाई भी हुई थी। लोक लाज के कारण उन्होंने इस घटना की शिकायत पुलिस से नहीं किया था, लेकिन मामले की शिकायत युवक के बड़े भाई से किया था। युवक आए दिन स्कूल आते जाते समय छात्रा से बातचीत करता था और उसे परेशान करने के साथ-साथ दबाव भी बनाता था। बताया जाता है कि वह मनबढ़ और दबंग किस्म का शातिर युवक था, जिसके घर पर आए दिन अराजक तत्वों का जमावड़ा लगता था।

पुलिस सचेत रहती तो बच जाती जान

अमृत विचार की टीम जब समडीह गांव में छात्रा निधि के घर पहुंची तो निधि की मां मंगीता देवी ने रोते हुए बताया कि पुलिस यदि मामले को गंभीरता से लेती तो उसकी बिटिया की जान बच गई होती। मां गिता का कहना है कि बिटिया की खोजबीन के लिए वह पुलिस टीम से कई बार गुहार भी लगा चुकी थी, लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका था, एक महीने बाद उसके मौत की खबर आई।

मां मंगीता देवी का कहना है कि पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लिया था। बीते दिनों जब परिजन पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ से शिकायत कर वापस आए तो इलाकाई पुलिस उन्हें धमकाती भी दी थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से यह घटना हुई है।

इन पर दर्ज हुआ मुकदमा

छात्रा निधि की मौत मामले में पुलिस ने पिता अनिल की तहरीर पर दुर्गेश, राहुल उर्फ  पंकज, संदीप पाल, राहुल मौर्य, अर्चना सिंह, गौरव समेत 4 अज्ञात पर हत्या समिति कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। 

डिप्टी एसपी आरबी सिंह ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर 4 आरोपियों को हिरासत में लेकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। गांव में एहतियातन पीएसी तैनात कर दी गई है वहीं डॉक्टरों का पैनल बनाकर पोस्टमार्टम किया गया। वहीं अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडेय ने बताया कि परिजनों ने किशोरी को भगाकर हत्या कर शव को तालाब में फेंकने का आरोप लगाया है। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। 

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