Etawah: दस साल बाद आया फैसला, किशोरी की हत्या में एक को उम्रकैद; संदेह का लाभ लेकर चार आरोपी बरी...
किशोरी की हत्या में एक को उम्रकैद हुई।
विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कुमार प्रशांत ने दस साल पूर्व एक किशोरी की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए एक आरोपी को हत्या का दोषी पाया। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।
इटावा, अमृत विचार। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कुमार प्रशांत ने दस साल पूर्व एक किशोरी की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए एक आरोपी को हत्या का दोषी पाया। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। इसके अलावा कोर्ट ने उस पर पांच हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले के चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि भरथना थाना क्षेत्र के गांव बूढा निवासी सत्य सिंह ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि वह 31 जुलाई को अपने परिवार के साथ घर पर थे। तभी पड़ोस के गांव जुग पुरा के रहने वाले सरमन सिंह पुत्र छोटे लाल, रमेश चंद्र पुत्र इतवारी लाल, जगदीश पुत्र इतवारी लाल, देवेंद्र पुत्र सरमन व राम जीवन पुत्र बदन सिंह उसके दरवाजे पर आए और उसकी 17 साल की पुत्री अलका उर्फ खुशबू से मजदूरी पर खेतों में काम करने के लिए कहा।
इस पर उसकी पत्री ने काम पर जाने से मना कर दिया। इसी बात से नाराज होकर उक्त लोगों ने गाली गलौज कर उसे व परिवार के लोगों को जाति सूचक गालियां देकर अपमानित किया। जब उसने गाली गलौज करने से मना किया तो इसी बात से नाराज होकर उक्त लोगों ने फायरिंग कर दी। वही रमेश ने उसकी पुत्री को गोली मार दी। गोली लगने से खुशबू की मौके पर ही मौत हो गई।
फायरिंग में उसीरा गांव के रहने वाले इंद्रेश के भी छर्रे लगे। बाद में उक्त लोग धमकी देते हुए भाग निकले। सत्य सिहं की तहरीर पर पलिस ने मामला दर्ज कर छानवीन शुरू कर दी। बाद में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। छानबीन के बाद पुलिस ने सरमन, रमेश, जगदीश, देवेंद्र व रामजीवन के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में पेश कर दिए।
मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट में हुई। विशेष लोक अभियोजक रमाकांत चतुर्वेदी के द्वारा पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने रमेश पुत्र इतवारी लाल को हत्या का दोषी पाया और उसे उम्र कैद की सजा सुनाई व उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। इसके अलावा कोर्ट ने सरमन, जगदीश, देवेंद्र व राम जीवन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
