सराय तल्फी एसटीपी: डीएम ने सात दिन में मांगी थी रिपोर्ट, 15 दिन बाद मौके पर पहुंचे
बरेली, अमृत विचार। करीब 90 करोड़ की लागत से सराय तल्फी में बना एसटीपी 35 एमएलडी क्षमता होने के बाद भी नालों को न जोड़े जाने की वजह से सिर्फ 10 एमएलडी पानी का ही रोज ट्रीटमेंट कर पा रहा है। अफसर इसके बावजूद इसका कारण पता लगाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिला पर्यावरण समिति की बैठक में डीएम ने चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर सात दिन में रिपोर्ट मांगी थी लेकिन जांच टीम ही पूरे 15 दिन बाद बुधवार को एसटीपी का दौरा करने पहुंची।
सराय तल्फी में बने एसटीपी में शहर के सभी नाले न जोड़े जाने की वजह से रामगंगा में अब भी शहर का गंदा पानी जा रहा है। नाले जोड़ने का काम जल निगम को करना था। डीएम रवींद्र कुमार ने 12 जनवरी को हुई जिला पर्यावरण समिति की बैठक में जल निगम की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए चार सदस्यीय टीम बनाकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी थी लेकिन 15 दिन तक जांच कमेटी ने जांच शुरू करने की ही सुध नहीं ली। बुधवार को भी चार के बजाय जल निगम ग्रामीण की एक्सईएन कुमकुम गंगवार और पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन समेत जांच टीम के दो ही सदस्य प्लांट पर पहुंचे।
कुछ देर प्लांट का निरीक्षण मौके पर मौजूद जल निगम के जेई से पूछताछ करने का बाद दोनों लौट गए। बता दें कि सराय तल्फी एसटीपी से कालीबाड़ी, कैंट, आवास विकास सिविल लाइंस, मिशन कंपाउंड, राम वाटिका, पुराना शहर, अलखनाथ, साहूकारा, चौपुला, कोहाड़ापीर, पटेल चौक, बिहारीपुर सिविल लाइंस, जिला पंचायत रोड आदि इलाकों की सीवर लाइनों को जोड़ा जाना है।
सिर्फ रिपोर्ट बनाना हमारा काम नहीं है। इसके अलावा भी कई काम होते हैं। जांच चल रही है, दो दिन में रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। - कुमकुम गंगवार, एक्सईएन जल निगम ग्रामीण
एसटीपी चलाने और रखरखाव का अभी ठेका भी नहीं
सराय तल्फी में एसटीपी 2019 को बनना शुरू हुआ था लेकिन कोरोना शुरू होने के बाद निर्माण कार्य रुक गया। दो साल काम ठप रहने की वजह से निर्माण पूरा हुआ तो उसे चालू कर दिया गया लेकिन अब तक एसटीपी को चलाने और उसके रखरखाव का ठेका नहीं दिया गया है। निर्माण करने वाली एजेंसी ही उसे चला रही है। बता दें कि डीएम ने इस प्लांट के शुरू होने के बाद उसके रखरखाव पर अब तक हुए खर्च समेत वित्तीय जांच का भी आदेश दिया था, लेकिन यह जांच अभी नहीं हुई है।
सीवर लाइन को जोड़ने में आ रही दिक्कत
शहर की सीधी सीवर लाइनों को तो आपस में जोड़ दिया गया है लेकिन मोहल्लों से मुख्य मार्ग पर आ रही ब्रांच लाइनों को जोड़ने में दिक्कत आ रही है। बताया जा रहा है कि जल निगम को नालों में बह रहे सीवर और पुरानी सीवर लाइनों को नई लाइन से जोड़ना है। गहराई में पड़ी लाइन को जोड़ने में बिजली की केबिल भी बाधा बन रही है। चौकी चौराहे पर छह मीटर गहराई में बिजली की केबिल डाली गई थी। वहां सीवर लाइन जोड़ने में समय लगा। इस समय जिला पंचायत रोड पर सीवर लाइन को मुख्य लाइन से जोड़ा जा रहा है।
ये भी पढे़ं- Budget 2024: 'आम आदमी को मिले राहत... किसानों का भी दर्द समझे सरकार', जानिए और क्या बोले बरेलीवासी?
