शाहजहांपुर: ढाई करोड़ का घोटाला और जांच इतनी मंद कि चार माह में एक गिरफ्तारी, उठ रहे हैं सवाल

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Published By Vishal Singh
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-क्राइम ब्रांच के हाथ में केस होने के बाद भी पकड़ में नहीं आ रहे घोटालेबाज

शाहजहांपुर, अमृत विचार। वृद्धावस्था पेंशन घोटाले की विवेचना क्राइम ब्रांच के करने के बावजूद गति इतनी मंद है कि केस दर्ज होने के चार महीने बाद भी सिर्फ एक गिरफ्तारी हो सकी है और वह भी किसी मेन खिलाड़ी की नहीं बल्कि एक बिचौलिए की। मुख्य आरोपी पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार का अब तब कोई सुराग नहीं है। नामजद अन्य आठ आरोपी भी क्राइम ब्रांच की पकड़ से दूर हैं। 

लगभग छह महीने पहले जिला समाज कल्याण विभाग में लगभग ढाई करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। पता चला था कि 2390 बुजुर्गों की पेंशन का पैसा जालसाजों ने अपने चहेतों के खाते में भेजकर हड़प लिया।

इस तरह लगभग ढाई करोड़ रुपये का गबन किया गया। मामले का खुलासा होने के बाद पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार सहित नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पहले सदर कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन बाद में एसपी अशोक कुमार मीणा ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी।

क्राइम ब्रांच ने शुरुआत तेजी दिखाते हुए एक बिचौलिए को पकड़ कर जेल भेज दिया। इसके साथ ही पूर्व समाज कल्याण अधिकारी की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठने लगे। कहा गया कि असली आरोपी जल्द सलाखो के पीछे पहुंच जाएंगे, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। खेल के बड़े खिलाड़ी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

केस दर्ज हुए लगभग चार महीने का समय बीत गया है। केस की विवेचना आम पुलिस की जगह क्राइम ब्रांच कर रही है, लेकिन फिर भी मुख्य आरोपी पकड़ से दूर हैं। देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कब बड़े खिलाड़ी क्राइम ब्रांच के जाल में फंसते हैं।

इनके खिलाफ है एफआईआर
20 सितंबर को जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह ने घोटाले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ही शामिल नहीं थे बल्कि आठ अन्य लोग भी थे। जिनमें सीतापुर का निवासी विशाल सक्सेना व सूरज, शाहजहांपुर का निवासी साकिब, सीतापुर का निवासी खुशाल, कांट शाहजहांपुर निवासी प्रियांशु शर्मा, खपरीपुर सदर बाजार शाहजहांपुर का निवासी राम औतार, निकरा शाहजहांपुर निवासी सतीश कश्यप, पलहौरा कांट निवासी पप्पू भी शामिल हैं।

सभी ने मिलकर अपने पूरे कार्यकाल में 2025 पेंशनरों के बैंक खाते में परिवर्तन किया और 302 पेंशनरों को ब्लॉक किया। जबकि कुल 2496 पेंशनरों के खाते में वर्ष 2022-23 में परिवर्तन किया गया। नाम और बैंक खाते का मिलान 2390 लोगों का नहीं किया गया और इन्हीं लोगों की पेंशन दूसरे खातों में भेज दी गई। इस तरह कुल दो करोड़ 52 लाख 39 हजार रुपये का घोटाला किया गया।

समाज कल्याण विभाग की ओर से रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई है। अब विवेचना क्राइम ब्रांच कर रही है। अब जो भी कार्रवाई होनी है वह पुलिस विभाग के स्तर से की जानी है- वंदना सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी।

पेंशन घोटाले के आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें लगी हुई हैं। पूर्व समाज कल्याण अधिकारी को भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा प्रयास है किक जल्द ही सभी आरोपियों को जेल भेज दें - बीएस वीर कुमार, सीओ सिटी।

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