शाहजहांपुर: आम आदमी पर फोकस रहा 2024 का बजट, व्यापारियों की उम्मीदों को लगा झटका

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Published By Moazzam Beg
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शाहजहांपुर, अमृत विचार। 2024 का बजट आम आदमी को तो राहत देने वाला है लेकिन इस बजट से व्यापारियों की उम्मीदों को झटका लगा है। बिजली बिल में राहत और उस पर निर्भरता के लिए सौर उर्जा को बढ़ावा देने, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उनके घर बनाने का सपना पूरा करना और महिलाओं को लखपति के बनाने के लक्ष्य और युवाओं के लिए नई तकनीक के रिसर्च और डेवलपमेंट रोजगार के नए अवसर प्रदान करने वाले हैं। बजट के यह सब प्रावधान आम आदमी को फायदा पहुंचाने की नजर से देखे जा रहे हैं।  

व्यापारियों को जीएसटी में कुछ छूट मिलने की उम्मीद थी लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। बजट में आम आदमी का ख्याल रखते हुए वंदे भारत स्टैंडर्ड की 40,000 आधुनिक बोगियां बनाकर उन्हें सामान्य यात्री ट्रेनों में लगाने का ऐलान किया गया है, इससे देश के अलग-अलग रेल रूट पर यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव बढ़ेगा। 

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बिजली की दिक्कतों से जूझना न पड़े इसके लिए मुफ्त सौर ऊर्जा की व्यवस्था की गई है। इसके पीछे सोच कोयले पर निर्भरता कम करने के साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने की कवायद है। आम आदमी को बिजली बिल में राहत दी गई है। नई तकनीक के रिसर्च और डेवलपमेंट होने से नई तकनीक के विकास में वृद्धि के साथ ही इस क्षेत्र के युवाओं के लिए नए रोजगार आएंगे। 

इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए खर्च में 11 प्रतिशत की वृद्धि से सड़क, अस्पताल आदि के क्षेत्र में विकास होगा और साथ ही आर्थिक तेजी आएगी। आम लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए आशा और आंगनबाड़ी कर्मचारियों को आयुष्मान भारत में जोड़ने की पहल का सराहनीय है। मिडिल क्लास के लिए दो करोड़ नए घर बनाए जाने की रूपरेखा तय की गई है। इससे रोजगार और आर्थिक तेजी आने के अलावा आम आदमी को लाभ होगा। बजट में महिलाओं का विशेष ख्याल रखते हुए एक करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी।

भाजपा ने सराहा बजट, विपक्षियों ने बताया निराशाजनक
2024 में होने वाले लोकसभा आम चुनाव से पहले और केंद्र की भाजपा सरकार 2.0 के अंतिम बजट से जहां उद्यमी, व्यापारी, बुद्धिजीवी, किसान संतुष्ट दिख रहा है, वहीं मुख्य विपक्षी राजनीतिक दलों ने बजट को निराशावादी बताते हुए इसे धोखा देने वाला बजट बताया है। विरोधियों ने इसे लुभावना करार देते हुए चुनावी बजट बताने में कोई संकोच नहीं किया, वहीं इससे इतर सत्तापक्ष ने बजट की भरपूर सराहना की है।    

केंद्र सरकार का बजट जनता को लुभाने और धोखा देने वाला है। इससे किसी का कोई भला नहीं होने वाला है। किसानों, युवाओं, व्यापारियों यहां तक कि आमजनता के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। सरकार ने मंइगाई रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया है। यह घोर निराशाजनक है।- तनवीर खां, जिलाध्यक्ष, सपा

केंद्रीय बजट में किसानों, युवाओं, मजदूर तबके के लोगों को छलने का काम किया गया है। इसमें धोखा के अलावा कुछ भी नहीं है। सरकार ने किसानों से दो गुनी आय का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया। अब जो वादे किए जा रहे हैं, वह कैसे पूरे होंगे कोई नहीं जानता।- रजनीश गुप्ता, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट बहुत ही सराहनीय है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए किसानों, युवाओं, मजदूरों, चिकित्सा, उद्योग, व्यवसाय सभी को कुछ न कुछ देने का काम किया है। इससे सभी वर्ग लाभान्वित होंगे। विपक्ष के पास कहने को कुछ नहीं है।- कृष्ण चंद्र मिश्रा, जिलाध्यक्ष-भाजपा

पूरा बजट निराशावादी है। इसमें किसी के लिए कुछ भी नहीं है। जो वादे किए गए हैं, वह 2024 के चुनाव के मद्देनजर किए गए हैं। इनसे किसी का भला होने वाला नहीं है। यदि ऐसा होता तो यहां के लोगों को फ्री में राशन का मोहताज जीवन जीने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। आयकर छूट भी धोखा ही है।- डॉ. राधेश्याम भारती, जिलाध्यक्ष-बसपा

मोटे अनाज को प्रोत्साहन से किसान खुश
 केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शामिल की गई हैं, जिनमें मुख्य रूप से श्रीअन्न योजना चर्चा में रही है। श्रीअन्न यानि मोटा अनाज की देश-विदेश में डिमांड बढ़ने से किसान ही नहीं, सरकार भी खुश है। शायद इसीलिए वित्त मंत्री ने अपने बजट में मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी आदि फसलों की ओर ध्यान दिया है। इन फसलों की पैदावार बढ़ाने की बात कही गई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल सकता है। इस घोषणा से किसान भी खुश हैं।

केंद्र सरकार के बजट में किसानों के लिए बहुत कुछ सोचा गया है, जो अच्छी बात है। मोटा अनाज इम्युनिटी बढ़ाने के साथ तमाम बीमारियों से लड़ने में सहायक साबित हो रहा है, इसीलिए उसकी डिमांड विदेशों में भी बढ़ रही है। मोटे अनाज उत्पादन के लिए सरकार ने योजनाएं बनाई हैं, जो सराहनीय हैं।- कौशल मिश्रा, प्रगतिशील किसान

मिली-जुली प्रतिक्रिया
व्यापारी समाज को इस बार भी निराशा हाथ लगी है। 1.72 लाख करोड़ की जीएसटी संग्रह के बाद भी जीएसटी में छूट नहीं दी गई है, नगद लेन-देन की सीमा बढ़ाने, व्यापारी पेंशन, बाजारों को बचाने के लिए ऑनलाइन व्यापार पर दस प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स, आटा,कपड़ा आदि को जीएसटी मुक्त करना चाहिए था।मो. सलाउद्दीन, व्यापारी नेता

टैक्स स्लैब में सात लाख तक की इनकम पर छूट राहत प्रदान करने वाली है। रेलवे,सौर ऊर्जा में निवेश देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, वही स्वयं सहायता समूहों का विस्तार देश में सामुदायिक सहयोग बढ़ाएगा। शिक्षा के लिए अभी बहुत कुछ जरूरत है, संभवता हमे पूरक बजट का इंतेजार करना चाहिए।-विकास खुराना, इतिहासकार एवं अध्यक्ष, एसएस कालेज शाहजहांपुर

रूफटॉप सोलर’ परियोजना के तहत एक करोड़ परिवार को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त, गरीब आबादी के लिए मुफ्त राशन योजना को पांच साल के लिए बढ़ाना, विभिन्न फसलों में नैनो यूरिया का उपयोग। मध्यम वर्ग के लिए विशेष आवास योजना, मौजूदा जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदलने का विचार। इन सब चीजों से आम आदमी को फायदा पहुंचेगा, इसी मंशा के अनुरूप बजट पेश हुआ है।-हरगोविंद मोदी, कारोबारी

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