जिनोम सीक्वेंसिंग से कैंसर की समय रहते पहचान करना आसान : डॉ मोहित

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। आल्पाइन प्लस डायग्नोस्टिक्स ने कॉर्डन जेनोमिक्स के साथ मिलकर Next-Generation Genome Sequencing (NGS) प्रयोगशाला की शुरुआत कर रहा है। यह साझेदारी चिकित्सा डायग्नोस्टिक्स के लिए एक महत्वपूर्ण आधारशिला के रूप में है, जो उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नई मानकों की स्थापना और प्रौद्योगिकियों के प्रति एक प्रतिबद्धता का संकेत है।

डॉ. मोहित और डॉ. शची दीक्षित ने 2018 में स्थापित अल्पाइन प्लस डायग्नोस्टिक्स में स्वास्थ्य सेवा के दिशा में डायग्नोस्टिक्स सेवाओं को देता आ रहा है। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यापक अनुभव वाले एक कुशल शिक्षाविद् डॉ. मोहित ने अमेरिका के मेडिकल विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध सर्जन डॉ. राल्फ क्रुम के साथ मिल कर इस क्षेत्र में काम किया और उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स की सेवा अल्पाइन प्लस डायग्नोस्टिक्स नाम की संस्था को स्थापित कर दे रहे हैं जो आज एनजीएस तकनीक को अपनाने वाली निजी क्षेत्र में पहली निजी लैब बन गई है।

कॉलंबिया विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित डॉ. अरविंद चौधरी द्वारा स्थापित, और प्रोफेसर डब्ल्यू. इयान लिपकिन और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर चार्ल्स एम. राइस के साथ काम करने का अनुभव होने पर गर्व करते हुए, कॉर्डन जेनोमिक्स NGS और संक्रामक बीमारियों के डायग्नोस्टिक्स में नेतृत्व करता है। मीडिया से बात करते हुए डॉ मोहित ने बताया कि कैसे आल्पाइन प्लस डायग्नोस्टिक्स NGS टेक्नोलॉजी के साथ डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में मुख्यत: तीन महत्वपूर्ण श्रेणियों पुनर्जनन जेनोमिक्स, संक्रामक बीमारियाँ, और ऑन्कोलॉजी में नई क्रांति लाएगा।

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