Lucknow: 54 लाख लोगों को अपने सामने दवा खिलाएंगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 10 फरवरी से शुरू हो रहा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी लखनऊ में करीब ढाई हजार मरीज फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित है। सबसे अधिक मरीजों की संख्या माल मलिहाबाद और मोहनलालगंज क्षेत्र में है। शहरों में ऐसे मरीजों की संख्या कम है। इसके पीछे की वजह है फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों का सामने ना आना है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत लोगों को दवा खिलाई जाती है, जिससे उन्हें फाइलेरिया से राहत दिलाई जा सके। 

10 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक एक बार फिर इस अभियान को चलाया जाएगा। जिसमें घर-घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने लोगों को दवा खिलाएंगे। यह जानकारी एसीएम डॉक्टर आरएन सिंह ने बुधवार को अलीगंज स्थित अपर निदेशक कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यशाला के दौरान दी।

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 10 फरवरी से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत होगी जो 28 फरवरी तक चलेगी। इस दौरान ट्रिपल थेरेपी के तहत तीन दवाएं लोगों को खिलाई जाएगी। इन दवाओं को खिलाने के लिए घर-घर स्वास्थ्य कार्यकर्ता जाएंगे।

शहरी क्षेत्र में दवा खिलाना चुनौती पूर्ण

डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि शहरी क्षेत्र में लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन की दवा खिलाना काफी चुनौती पूर्ण होता है। यहां फ्लैट में रहने वाले तथा निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को दवा खिलाने में अड़चने आती हैं। इसके पीछे की वजह है लोगों में जागरूकता की कमी है। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी मौजूद रहे।

इन लोगों को नहीं खिलाई जाएगी दवा

इस अवसर पर डॉक्टर रितु श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार करीब 54 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें गंभीर मरीज, गर्भवती महिलाएं और 2 साल से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर बाकी सभी को यह दवा खिलानी है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने लोगों को दवा खिलाएंगे। 

क्या है फाइलेरिया

बताया जा रहा है कि फाइलेरिया मच्छर जनित बीमारी है यह गंदे पानी में पनपने वाले मच्छरों से होता है। इसका वायरस कई साल शरीर में रह सकता है। इसके बाद इसका असर दिखाई पड़ता है। शरीर की बनावट बदल सकती है, पैर मोटा हो सकता है। पैरों में भारी सूजन आ सकती है। जिसे हाथी पांव भी कहा जाता है।

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