Budaun News: खेतों में खड़े गन्ने का सर्वे शुरू, गन्ना विभाग ने लगाई टीमें

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Published By Vishal Singh
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ब्लाक सलारपुर से किया गया सर्वे, टीमों ने देखे खेत

बदायूं, अमृत विचार। खेतों में खड़े अवशेष गन्ने का सर्वे शुरू करा दिया गया है। सर्वे करने के लिए गन्ना विभाग की ओर से पर्यवेक्षकों को लगाया गया है। सर्वे कार्य की रिपोर्ट मिलने के बाद गन्ना किसानों को पर्ची उपलब्ध कराई जाएगी जिससे वह अपना गन्ना चीनी मिल पर डाल सके। आज पहले दिन ब्लाक सलारपुर के कुछ गांवों से सर्वे शुरू कर दिया गया।

गन्ना विभाग ने किसानों और शेखूपुर चीनी मिल के साथ बुधवार को चीनी मिल में संयुक्त बैठक की थी। बैठक में चीनी मिल प्रशासन ने कहा कि इस समय मिल पर गन्ना कम मात्रा में आ रहा है। इस पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अशोक कुमार ने कहा कहा कि अब अवशेष खड़े गन्ने का सर्वे कराया जाएगा। किस क्षेत्र में कितना गन्ना खड़ा है। 

किसानों को बताया जाएगा कि वह अपना गन्ना जल्द ही चीनी मिलों पर डाल दें। उन्होने कहा कि गन्ने के खेतों में पर्यवेक्षक खुद जाएंगे और कितना गन्ना किस क्षेत्र में इसका सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट देंगे। आज से ब्लॉक सलारपुर में गन्ने का सर्वे शुरू करा दिया गया है। सभी ब्लॉकों में सर्वे किया जाना है। जहां भी गन्ना खड़ा होगा उनके खेत स्वामियों को पर्ची उपलब्ध कराई जाएगी जिससे वह लोग अपना गन्ना मिल पर डाल सकें। गन्ना की अगेती फसल चीनी मिलों पर पहुंच चुकी है अब पेड़ी या फिर दूसरे किस्म का गन्ना खेतों में  रह गया है।

शरद कालीन गन्ना खेती करने वाले किसानों को नई प्रजाति का गन्ने का बीज मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। नई प्रजाति का बीज तैयार करने वाले महिला समूहों को इस बात की हिदायत दी गयी है कि इस बार पुरानी प्रजाति का बीज तैयार न करें। फरवरी और मार्च में लगाया जाने वाले गन्ने के बीज को भी समूहों से लेने की बात कही गयी है। किसानों को सुझाव दिए गए हैं कि मार्च के बाद गन्ना न लगाएं जिससे गन्ने को बीमारी से बचाया जा सके।

गन्ना विभाग ने किसानों से कहा है कि नया बीज लगाने के बाद उसमें यदि रासायनिक दवा का प्रयोग करते हें तो गन्ना विभाग से उसकी जानकारी लेने के बाद ही करें। पिछले साल का जो गन्ना इस साल तैयार हो रहा है उसको बीमारी से बचाने के लिए पहले से तैयारी करें। यदि गन्ने की पत्ती पीली पड़ती है तो उसको पौधे से हटा कर अलग कर दें जिससे कि दूसरा पौधा बीमारी की चपेट में आने से बच जाए। गन्ना में रेड रोग बीमारी लगने से पिछले साल किसानों को भारी नुकसान हुआ है और यही कारण है कि फरवरी महीने में गन्ना खत्म होने के कगार पर है ।

मार्च और अप्रैल तक चलने वाली चीनी मिलों पर गन्ना खत्म होने से मिलें भी इसी महीने के अंत तक बंद हो जाएंगी। बिसौली और शेखूपुर चीनी मिलों पर केवल जनपद का ही गन्ना आता है जबकि कुछ गन्ना दूसरे जिलों की चीनी मिलों को भी सप्लाई होता है। हालांकि दूसरे जिलों की चीनी मिलों पर मात्र 15 प्रतिशत ही गन्ना जाता है शेष गन्ना जिले की दोनो चीनी मिलो पर ही बेचा जाता है। गन्ने में बीमारी लग जाने से एक तो गन्ने का वजन कम हो गया दूसरे करीब 10 से 15 प्रतिशत गन्ना नष्ट हो गया- हेमराज सिंह - जिला गन्ना अधिकारी।

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