शाहजहांपुरः ढाईघाट मेले में लगी आग, आग बुझाने के प्रयास में संत झुलसा, आश्रम की एक झोपड़ी और टेंट जलकर खाक
शाहजहांपुर, मिर्जापुर, अमृत विचार: ढाई घाट गंगा तट पर चल रहे रामनगरिया मेला में रविवार को अचानक आग की लपटें देखकर अफरातफरी मच गई। आग से एक संत झुलस गए, वहीं आश्रम में पड़ी एक झोपड़ी व टेंट जलकर राख हो गया। दमकल यूनिट ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। रविवार दोपहर करीब ढाई बजे ढाई घाट गंगा तट पर बारहमासी आश्रम के पास अचानक आग की लपटें उठने लगी।
लोग कुछ समझ पाते तब तक आग की लपटें विकराल हो गई और आश्रम में कहर बरपाना शुरू कर दिया। इससे मेले में अफरातफरी मच गई। ज्यादातर लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग खड़े हुए है, वहीं कुछ लोगों ने हिम्मत करके आसपास की झोपड़ियों को गिरा दिया, ताकि आग की लपटें आसपास पड़ी झोपड़ियों को अपनी चपेट में न ले लें और इसके साथ ही पानी और बालू डालकर आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया।
कुछ लोगों ने बाल्टी में बालू भरकर आग पर डालना शुरू किया।इस दौरान आग को बुझाने के प्रयास में आश्रम के संत भीखमदास झुलस गए। इसी बीच मेलार्थियों की सूचना पर दमकल युनिट भी पहुंच गई। मौके पर पहुंची दमकल युनिट ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक झोपड़ी व टेंट में रखा सारा सामान खाक हो चुका था। भीखमदास को मेला में लगे कैंप में ले जाया गया। जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया।
तब हो सकती थी बड़ी घटनाःआश्रम के अंदर श्रद्धालुओं की खड़ी दो बाइकें भी खड़ी थीं। आग की तेज लपटों में बाइकें भी आग की चपेट में आ गई। इससे पहले की आग बाइकों में लगती, तब तक दमकल यूनिट ने आग पर काबू पा लिया। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
मेले में नहीं मिल सकी प्राथमिक चिकित्साः मेले में स्वास्थ्य विभाग का कैंप लगा हुआ है। जिसमें 24 घंटे डॉक्टर की तैनाती सुनिश्चित की गई है। लेकिन आग की घटना के बाद श्रद्धालु जब बाबा भीखम दास को स्वास्थ्य कैंप ले गए, तो वहां कोई डॉक्टर नहीं मिला। बाबा ने बताया कि वहां पर मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा एक ट्यूब व कुछ गोली दी गई है।
चिकित्सा में लापरवाही पर साधू-संतों में भारी आक्रोश दिखा। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉ. आदेश रस्तोगी ने बताया कि मेले में डॉ. रूपक व एक अन्य की तैनाती है। पीड़ित का समुचित इलाज किया जाएगा।
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