अयोध्या: नामी चिकित्सकों ने सुलझाईं पेट की बीमारियों से जुड़ी गुत्थियां, छोटी-बड़ी आंत के स्वास्थ्य पर हुई गंभीर चर्चा
अयोध्या गैस्ट्रो अपडेट 2024 : रिसर्च व तथ्यों के आधार पर डॉक्टरों ने अपनी भावनाओं को चिकित्सकों के सामने रखा
अयोध्या। इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस इंडोस्कोपी (आईओएई) ने रविवार को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में अयोध्या गैस्ट्रो अपडेट-2024 कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों से नामचीन चिकित्सक पहुंचे थे, जिन्होंने पेट से संबंधित बीमारियों की गुत्थियों को किए गए रिसर्च व तथ्यों के आधार पर सुलझाया।
कार्यक्रम में मौजूद अन्य चिकित्सकों ने वक्ताओं को बखूबी सुना। इसके बाद सभी चिकित्सक रामलला का दर्शन करने भी गए।
शरीर में छोटी बड़ी आंत का है बड़ा रोल
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह नौ बजे दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इसके बाद कॉन्फ्रेंस में एक-एक कर चिकित्सकों ने अपनी राय रखनी शुरू की। चिकित्सकों ने बताया कि हम जो भी खाते-पीते हैं, उसका पाचन और अवशोषण प्रमुख रूप से छोटी और बड़ी आंत में ही होता है। यहीं सबसे अधिक पोषक तत्व अवशोषित होते हैं।
बड़ी आंत में पानी अवशोषित होता है और छोटी आंत में मिनरल, विटामिन और दूसरे तत्व। आंतों के बीमार होने से न केवल भोजन का पाचन, बल्कि पोषक तत्वों का अवशोषण भी प्रभावित होता है। आंतों को बीमार बनाने की कुछ प्रमुख वजह हैं, जिसमें शरीर की जरूरत से अधिक खाना, रात में भारी और गरिष्ठ भोजन करना, सुबह का नाश्ता न करना, भोजन में लंबा अंतराल रखना, खाने के बाद ज्यादा तरल पदार्थ लेना, अधिक तला-भुना और मसालेदार खाना व शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना शामिल है।
आंतों में गड़बड़ी का असर आंतों की सामान्य कार्यप्रणाली गड़बड़ाने का प्रभाव हमारे हृदय, मस्तिष्क, इम्यून सिस्टम, त्वचा, वजन, शरीर में हार्मोन के स्तर आदि पर भी पड़ता है। इससे पोषक तत्वों का अवशोषण प्रभावित होने से लेकर कैंसर विकसित होने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसके बाद कई चिकित्सकों ने गाल ब्लैडर व लीवर संबंधित बीमारियों के बारे में किए गए अध्ययन को भी सबके सामने रखा। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केएस मिश्र ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
बताते रहे अनुभव, बजती रहीं तालियां
कॉन्फ्रेंस में मंच से चिकित्सक अपने-अपने अध्ययन को साझा कर रहे थे तो अन्य चिकित्सक उनके अनुभवों को सुन तालियां बजा रहे थे। एआईजी हैदराबाद के डॉ. मनु टंडन, अहमदाबाद के डॉ. संजय राजपूत, प्रयागराज से डॉ. एसपी मिश्र, मेरठ से डॉ. मलय शर्मा, मैसूर के डॉ. राज कुमार, लखनऊ के डॉ. प्रवीर राय, डॉ. समीर मोहिंद्रा, दिल्ली से डॉ. विकास सिंगला, डॉ. श्रीहरि अनिकहिन्दी, अहमदाबाद की डॉ. राधिका, मुंबई के डॉ. एसपी भंडारी, प्रयागराज के डॉ. रोहित गुप्ता, दिल्ली के डॉ. सुविराज जॉन, भोपाल के डॉ. सारांश जैन व कानपुर के डॉ. गौरव चावला समेत अन्य आमंत्रित चिकित्सकों ने अपने अनुभवों को साझा किया।
शहर के ये चिकित्सक भी रहे मौजूद
शहर के भी कई बड़े चिकित्सक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, जिसमें वरिष्ठ फिजिशयन डॉ. एसके पाठक, डॉ. नानक सरन, डॉ. पीयूष गुप्ता, डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. वीरेंद्र वर्मा, डॉ. आनंद शुक्ला, गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी चौहान, डॉ. सइदा रिजवी, डॉ. दीप्ति वर्मा व डॉ. अतुल आदि शमिल थे।
कॉन्फ्रेंस में अयोध्या के ही नहीं बल्कि देश के अन्य महानगरों से भी चिकित्सक पहुंचे थे। कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का भी भरपूर सहयोग मिला था।
- डॉ. रजनीश वर्मा, चेयरमैन, आईओएई
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हमेशा ही चिकित्सकों के लिए कार्यशालाएं लगवाता है, ताकि उन्हें नई-नई तकनीकों के बारे में पता चल सके। गैस्ट्रो अपडेट कॉन्फ्रेंस की काफी भव्य रही।
- डॉ. मंजूषा पांडेय, प्रेसीडेंट, आईएमए

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