लखनऊ: प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक नगरीय निकायों के लिए चुने गये सीएम फेलोज, सूबे की प्रगति को देंगे रफ्तार 

लखनऊ: प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक नगरीय निकायों के लिए चुने गये सीएम फेलोज, सूबे की प्रगति को देंगे रफ्तार 

लखनऊ। प्रदेश के आकांक्षात्मक जिलों की तर्ज पर 100 पिछड़े नगरीय निकायों में विकास को गति देने के लिए सीएम अर्बन फेलोशिप योजना के अंतर्गत फेलोज़ का चयन किया गया है। चयनित फेलोज़ जल्द ही अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पिछड़े नगरीय निकायों में भेजे जाएंगे। शहरी नियोजन, बुनियादी ढांचे, आर्थिक विकास, आजीविका के अवसरों में वृद्धि करते हुए पिछड़े नगरीय निकायों के सतत विकास के लिए सीएम अर्बन फेलोशिप योजना शुरू की गई है।

 सीएम फेलोज पद के लिए एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से मेरिट के आधार पर 446 आवेदकों का साक्षात्कार बीते 31 जनवरी को किए गए हैं, जिसमें से 100 सीएम फेलोज के चयन की कार्रवाई 12 फरवरी को पूरी हो चुकी है। 

चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इन 100 सीएम फेलोज की ट्रेनिंग 23 फरवरी से शुरू होगी। दो हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद आगामी 10 मार्च को सीएम फेलोज को प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक नगरीय निकायों में तैनात कर दिया जाएगा। ये फेलोज नगरीय निकायों में अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर, सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर, अर्बन लोकल गवर्नेंस, इकोनॉमी अपॉर्च्युनिटी और क्लाइमेट एंड डिजास्टर रेसिलियंस पर शोध करेंगे। 

शोध रिपोर्ट को सरकार के समक्ष करेंगे प्रस्तुत देंगे 

20 हजार से 01 लाख तक की आबादी वाले 100 पिछड़े नगरीय निकायों में सीएम फेलोज न केवल विकास की सभावनाएं तलाशेंगे बल्कि अपनी शोध रिपोर्ट को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। सीएम फेलोज की मॉनीटरिंग के लिए भी मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पूरा स्ट्रक्चर तय किया गया है। इसमें नगर विकास विभाग के मंत्री के नेतृत्व में प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव चेयरपर्सन होंगे। इसके अलावा सदस्य सचिव के अंतर्गत एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी होंगे। साथ ही आवास, स्वास्थ्य, ऊर्जा, बेसिक शिक्षा, वित्त, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव मॉनीटरिंग मैकेनिज्म के सदस्य होंगे। वहीं जिला स्तर पर जिलाधिकारी चेयरपर्सन होंगे। एडीएम सदस्य सचिव होंगे तथा नगरीय निकायों के अधिशासी अधिकारी और विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी सीएम फेलोज की मॉनीटरिंग करेंगे।  

जानिए कौन कौन से जिले हैं आकांक्षात्मक श्रेणी में

योगी सरकार ने प्रदेश के 38 जिलों के 100 नगरीय निकायों को आकांक्षात्मक श्रेणी में रखा है। इनमें अलीगढ़ में 5, एटा में 1, हाथरस में 1, कासगंज में 1, अयोध्या में 2, अंबेडकर नगर में 1, बाराबंकी में 1, सुल्तानपुर में 1, आजमगढ़ में 2, बलिया में 3, मऊ में 2, शाहजहांपुर में 2, बस्ती में 9, संत कबीर नगर में 3, सिद्धार्थनगर में 4, बांदा में 1, बहराइच में 4, बलरामपुर में 1, गोंडा में 3, देवरिया में 6, गोरखपुर में 2, कुशीनगर में 5, महाराजगंज में 4, फरुखाबाद में 2, कानपुर देहात में 2, लखीमपुर खीरी में 2, लखनऊ में 2, रायबरेली में 1, उन्नाव में 2, बुलंदशहर में 1, सोनभद्र में 2, मुरादाबाद में 1, रामपुर में 3, फतेहपुर में 3, कौशाम्बी में 2, प्रतापगढ़ में 10, प्रयागराज में 1 और जौनपुर में 2 नगरीय निकायों को आकांक्षात्मक नगरीय निकाय की श्रेणी में रखा गया है।

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