Kanpur: विपक्ष के लिए मुश्किल होगी डगर; आंकड़ों का चले चक्कर तभी भाजपा को मिल सकती टक्कर

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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मनोज त्रिपाठी, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव में यूपी में मिशन -80 का संकल्प लेकर चल रही भाजपा ने कानपुर लोकसभा सीट को जीत की हैट-ट्रिक वाली सीटों में रखा है। बीते 10 साल से इस सीट पर पार्टी का कब्जा है। 2014 में यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी सांसद बने थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल को 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हराया था। 

इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जोशी की जगह सत्यदेव पचौरी को उम्मीदवार बनाया, उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को शिकस्त दी और सांसद बने। इस बार कांग्रेस को सपा से गठबंधन में कानपुर सीट मिली है। 

राहुल गांधी की न्याय यात्रा से उत्साहित पार्टी अपनी खोई सीट वापस पाने की जुगत भिड़ा रही है। लेकिन बीते दो लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनावों के आंकड़े यह काम कठिन बता रहे हैं। गठबंधन का गणित इसी बात पर टिका है कि सपा विधान सभा चुनावों में मिलने वाले वोट को बरकरार रखे और कांग्रेस लोकसभा में मिलने वाले वोट प्रतिशत को कुछ और बढ़ाए, तभी भाजपा को चुनौती दी जा सकती है।      

1999 से 2014 तक कांग्रेस का गढ़ 

कानपुर लोकसभा सीट 1999 से लेकर 2014 तक कांग्रेस के कब्जे में रही। श्रीप्रकाश जायसवाल लगातार तीन बार सांसद बने। अब पिछले दो चुनावों से सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है।

मुस्लिम और ब्राह्मण का समीकरण

कानपुर लोकसभा सीट पर साढ़े सोलह लाख से अधिक मतदाता हैं। पांच विधानसभा सीटें आर्यनगर, गोविंद नगर, कैंट, किदवई नगर  और सीसामऊ हैं। इनमें कैंट और सीसामऊ मुस्लिम बहुल्य क्षेत्र हैं, जबकि किदवई नगर और गोविंद नगर विधानसभा ब्राह्मण बहुल्य क्षेत्र हैं। आर्यनगर विधानसभा मिश्रित आबादी क्षेत्र है। 

गोविंद और किदवई नगर में कांग्रेस की हालत पतली

बीते दो लोकसभा चुनावों के आंकड़ों में कांग्रेस कैंट और सीसामऊ विधानसभा में बढ़त बनाती है। आर्यनगर विधानसभा में पार्टी को औसत वोट मिलता है। लेकिन गोविंद नगर और किदवई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा बड़ी बढ़त बना लेती है। यह दोनों विधानसभा क्षेत्र आबादी और क्षेत्रफल में बड़े और ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा के सत्यदेव पचौरी ने कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश को 1,55,033 वोटों से मात दी थी। इस चुनाव में भाजपा को तीन विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी, तो कांग्रेस कैंट और सीसामऊ में भाजपा से आगे रही थी।   

भाजपा 3-2 से पिछड़ी फिर भी 16.30 प्रतिशत वोटों की बढ़त

वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव परिणाम के लिहाज से लोकसभा क्षेत्र में भाजपा 1,46,433 वोटों से आगे थी। भाजपा ने गोविंद नगर और किदवई नगर में जीत हासिल की थी, जबकि सपा ने सीसामऊ, आर्यनगर तथा कैंट सीट जीत ली थी।

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