मुरादाबाद : मौत पर भारी पड़ी जिंदगी...नवजात बच्ची को मरने के लिए नाले में फेंका, फरिश्ता बनी मीनाक्षी ने बचाया
मुरादाबाद, अमृत विचार। मझोला थाने इलाके के रिलायंस पेट्रोल पंप के पास बीती शुक्रवार को नवजात बच्ची को मरने के लिए नाले के पाइप में फेंक दिया। फेंकने वाले को ये उम्मीद थी की एक या दो घंटे में नवजात की मौत हो जाएगी। लेकिन यहां मौत पर जिंदगी हावी रही। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर वहां से गुजर रही मिनाक्षी नाम की महिला नवजात बच्ची के लिए फरिश्ता बनी। मिनाक्षी ने देखा की रिलायंस पेट्रोल पंप के पास नवजात एक नाले के पाइप में फंसी हुई है। मिनाक्षी ने पाइप से बच्ची को निकाला और इसकी सूचना पुलिस को दी। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर वहां लोगों का जमावड़ा लग गया।
सूचना मिलते ही मझोला पुलिस मौके पर पहुंच गई और बच्चे को थाने ले आई। इसके बाद पुलिस ने बाल कल्याण की सुपुर्दगी में बच्ची को दे दिया। बाल कल्याण विभाग की टीम ने मासूम को जिला महिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां, डॉक्टर्स की देखरेख में बच्ची का उपचार कराया जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के दो दिन बाद रविवार दोपहर बाल कल्याण सदसस्य हरिमोहन गुप्ता और बाल कल्याण समिति की सदस्य बबिता विश्नोई महिला चिकित्सालय पहुंचीं और बच्ची का हालचाल जाना।
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हरिमोहन गुप्ता ने बताया की शुक्रवार रात मझोला इलाके के रिलायंस पेट्रोल पंप के पास पाइप के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी। तभी वहां से जॉब से फ्री होकर अपने घर जा रही मीनाक्षी नाम की महिला ने उसके रोने की आवाज सुनी और वो वहां रुक गई। फिर बच्ची को पाइप से निकाला। इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने इस बच्ची को बाल कल्याण विभाग के हवाले कर दिया। जिसके बाद बाल कल्याण ने बच्ची को महिला जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। रविवार को बच्ची को देखने के लिए हम लोग आए थे की बच्ची का स्वास्थ्य कैसा है।
रविवार दोपहर बाल कल्याण सदसस्य हरिमोहन गुप्ता और बाल कल्याण समिति की सदस्य बबिता विश्नोई महिला चिकित्सालय पहुंची और बच्ची का हालचाल जाना #Moradabad #AmritVicharNews pic.twitter.com/msAWGEl4GF
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उन्होंने बताया कि बच्ची बिल्कुल ठीक है और अभी तक इसके माता-पिता का कुछ पता नहीं चला है। उन्होंने कहा कि अगर दो माह तक इसके माता-पिता का पता चल जाता है। तो कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्ची को उनकी सुपुर्दगी में दे दिया जाएगा। अन्यथा दो माह तक बच्ची को बाल कल्याण विभाग के शिशु गृह में देखरेख की जाएगी। दो माह तक लीगल फ्री करने के बाद बच्ची को एडॉप्शन के लिए दे दिया जाएगा।
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-अब्दुल वाजिद
