लखनऊ : नेपाली उपप्रधानमंत्री से मिले दीपक, भारत और हिंदी को मिला उत्साहजनक समर्थन

लखनऊ : नेपाली उपप्रधानमंत्री से मिले दीपक, भारत और हिंदी को मिला उत्साहजनक समर्थन

लखनऊ, अमृत विचार। बौद्धिक सभा के अध्यक्ष समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने नेपाल के उपप्रधानमंत्री व गृहमंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ से मुलाकात की और "भारत की नेपाल को पाती' भेंट की । दीपक ने नारायण काजी श्रेष्ठ से संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता और हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के अभियान के लिए समर्थन मांगा। 

नारायण काजी ने संवाद के दौरान कहा कि नेपाल पूरी तरह भारत के साथ है। भारत और नेपाल की न केवल राजनीतिक अपितु सांस्कृतिक व आत्मिक सम्बन्ध की जड़ें  काफी गहरी हैं । दीपक ने कहा कि भारत की आजादी लड़ाई में नेपाली नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को नेपाली जनता ने बयालीस की क्रान्ति के दौरान हनुमानगर थाने पर हमला कर छुड़ाया था । आजादी की लड़ाई के लिए गठित आजाद दस्ता का एक कार्यालय नेपाल में भी था । 

यही नहीं नेपाल में गणतंत्र की स्थापना के आंदोलन  में लोहिया , लोकनायक जेपी, चंद्रशेखर, कर्पूरी ठाकुर सदृश भारतीय नेताओं ने महती भूमिका निभाई थी । लोहिया की स्वतंत्र भारत में पहली गिरफ्तारी नेपाल के ही सवाल पर हुई थी । दीपक ने जोर देकर कहा कि नेपाली नागरिकों से हम सभी को अपनी भाषा और लिपि को सम्मान देना सीखना चाहिए । नेपाल की गाड़ियों में नंबर प्लेट नेपाली भाषा और देवनागरी लिपि में मिलते हैं । ज्यादातर यहां तक की मेडिकल दुकानों के साइन बोर्ड भी देवनागरी में लिखे होते हैं ।

अपनी पाक्षिक प्रवासीय यात्रा में दीपक ने भारत और हिंदी सशक्तीकरण के लिए व्यापक जनसमर्थन जुटाया । इस दौरान दीपक मिश्र नेपाल के पूर्व प्रधानमन्त्री माधव नेपाल, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष वरिष्ठ सांसद महंत, ठाकुर, प्रगतिशील जन पार्टी के अध्यक्ष ह्रदयेश त्रिपाठी, नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सांसद शेखर कोइराला , पूर्व मंत्री ईश्वर दयाल समेत कई नेताओं से मिले और नेपाल के बुद्धजीवियों तथा सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तरफ से आयोजित दो दर्जन संवादों को संबोधित किया । 

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